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बलात्कारियों को फूल माला और अंतर्जातीय विवाह की मांग करने वाले IAS वर्मा को कानूनी कार्रवाई एवं फांसी की सजा की मांग क्यों?

जातिगत भेदभाव का खात्मा सिर्फ और सिर्फ अंतर्जातीय विवाह नामक संस्था ही कर सकती है, इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है और यह सभी जातियों /वर्गों/धर्मों के लिए उपयोगी भी साबित होगी ,जिसे भारतीय समाज को मान्यता देनी चाहिए, क्योंकि वर्तमान समय में इसकी बहुत ही आवश्यकता है। मैं हर जाति, धर्म, वर्ग की बहन , बेटियों एवं महिलाओं का बहुत सम्मान करता हूं, क्योंकि वही इस सृष्टि की रचनाकार एवं जन्मदात्री हैं,यदि स्त्री नहीं होती तो,इस संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, किन्तु हमारे भारतीय ग्रंथों में उनके शोषण की गाथाएं भरी पड़ी हैं,जिसे सभी ज्ञानी जानते होंगे, मुझे बताने की जरूरत नहीं है। मैं आपको जानकारी में बता दूं कि उत्तरप्रदेश में वर्मा ब्राह्मण वर्ग भी लिखता है,जिसको संदेह हो, वहां जाकर जांच परख करे, क्योंकि हाल ही में मीडिया सूत्रों की जानकारी अनुसार एक IAS वर्मा ने जो कथित बयान दिया है, उसके बयान का गलत अर्थ लगाया है या उन्होंने को जो कहना था ,वह नहीं कह पाएं, मैं नहीं जानता, परन्तु इतना अवश्य सिध्द होता है कि इतना बड़ा अधिकारी किसी भी धर्म/जाति/वर्ग की महिलाओं के प्रति अभद्र टिप्पणी कैसे कर सकता है?यह एक विचारणीय प्रश्न है। मैंने जहां तक समझा है और जानकारी मिली है तो उससे यही प्रतीत होता है कि उन्होंने अंतर्जातीय विवाह की मांग की है, परन्तु उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, क्योंकि देश का पूरा का पूरा मीडिया संस्थान कुछ विशेष वर्गों का ही है चाहे,जिसको अपराधी बना दे और जेल भिजवा दें यह खासकर दलितों/आदिवासियों के साथ ही होता है। अंतर्जातीय विवाह की मांग करने वाले को फांसी की सजा , नौकरी से बर्खास्त करने की सजा,वध करने की धमकी इत्यादि क्यों?जबकि हिन्दू धर्म के ध्वज वाहक धीरेन्द्र शास्त्री जी का बयान है,जिस महिला की मांग सूनी हो,वह प्लाट खाली समझो,अनिरूध्दाचार्य जी कहते हैं कि लड़कियां जवानी में अनेक जगह मुंह मारकर मजे लेने के बाद शादी की जाती है शायद यह बातें आप समाज के सचेतक वर्ग को अभद्र टिप्पणी नहीं लगेगी।, इतना ही नहीं अगस्त 2022 में बिल्किस बानो के सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी एवं सात लोगों की हत्या करने वाले 11 आजीवन सजायाफ्ता आरोपियों को रिहाई और फ़ूल मालाओं से स्वागत क्यों? क्या यह आरोपी संस्कारी हैं? जून 2025 में उत्तरप्रदेश के कौशांबी में  8 वर्ष की दलित बिटिया के साथ बलत्कार किया, परन्तु फिर भी बलात्कारी के पक्ष में स्वयं डिप्टी सीएम खड़े हो गए क्यों?अक्टूबर 2025 में मध्यप्रदेश भिंड में बंदूक की नौक पर दलित को पिटाई करने के बाद पेशाब पिलाई गई और फिर भी आरोपी के पक्ष में पूरा का पूरा कुलीन वर्ग खड़ा था क्यों? अक्टूबर 2025 में कटनी मध्यप्रदेश के स्लीमनावाद में दलित को पीटा गया फिर पेशाब पिलाई, फिर भी कुलीन वर्ग आरोपी के पक्ष था क्यों? फ़रवरी 2025 में कथावाचक देविका पटेल को कथा करने से रोका गया क्यों?अभी हाल ही में मध्यप्रदेश के दमोह में एक कुलीन के वर्ग के व्यक्ति ने कुशवाहा महिला को सरकारी शौचालय में शौच करने नहीं दिया और ऊपर से मां बहिन, बिटिया आदि की गालियां देने के साथ साथ मारने को लट्ठ लेकर दौड़ा आदि यदि कुलीन वर्गों की अभद्रता पूर्ण टिप्पणियां एवं घटनाएं को देखें तो कुलीन वर्गों के मीडिया संस्थानों, इन अपराधियों को फांसी की सजा, नौकरी से निकालने और वध करने की सजा कुलीन वर्ग के आरोपियों को देने की पेशकश करोगे क्या? मेरे हिसाब नहीं करोगे, क्योंकि आप सभी जातिवादी मानसिकता के रोगी हो। दलितों/आदिवासियों की महिलाओं/पुरुषों पर आए दिन अमानवीय कृत्य घटित होते हैं और आरोपी अधिकतर कुलीन वर्ग के ही व्यक्ति होते हैं, किन्तु कुलीन वर्ग के मीडिया संस्थानों ने क्या कभी इनके हित में आरोपियों के खिलाफ आवाज उठाई ,कभी नहीं? बात IAS वर्मा के बयान की नहीं है।
बात जातिवादी कीड़े की है, जो कुलबुला रहा है और कुछ नहीं। एक बात और मैं कहता हूं कि अंतर्जातीय विवाह संस्था जातिवाद, ऊंच- नीच ,पूंजिवाद और आरक्षण का खात्मा है। इसलिए भारतीय समाज को अंतर्जातीय विवाह को मान्यता देनी चाहिए।जो भी बातें लिखा हूं तमाम सोशल एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के स्त्रोत हैं।
किसी को बुरा लगे तो मैं क्षमा चाहता हूं, क्योंकि मैंने किसी को ऊंचा नीचा दिखाने के लिए नहीं लिखा और न ही मैं इस उद्देश्य को लेकर लिखा हूं, क्योंकि मैं सामाजिक समानता का पक्षधर हूं और यही मैं भारतीय समाज में देखना चाहता हूं। यदि हिन्दू राष्ट्र एवं हिन्दू एकता की बात करते हो तो अंतर्जातीय विवाह संस्था को मान्यता देनी चाहिए और यदि नहीं तो यह राग अलापना बंद करो कुलीन वर्ग के लोगों, सिर्फ वोट बैंक की राजनीति मत करो,कभी सामाजिक उत्थान के हित में कार्य करो ,तभी इस देश का विकास होगा, वरना देश की दुर्गति निश्चित है। जो देशप्रेमी होगा,वह जरूर विचार करेगा‌।



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