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संविधान दिवस एवं संत शिरोमणि गुरु घासीदास जन जागृति सतसंग समारोह



ग्राम भनेतरा, हसौद (जिला शक्ति) में तीन दिवसीय आयोजन का भव्य शुभारंभ – 4वें वर्ष में प्रवेश

भनेतरा, हसौद/जिला शक्ति। ग्राम भनेतरा में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित संत शिरोमणि गुरु घासीदास जन जागृति सतसंग समारोह का तीन दिवसीय विशाल कार्यक्रम इस वर्ष अपने चौथे वर्ष में उत्साह और श्रद्धा के साथ प्रारंभ हुआ।
समाज जागरण और संवैधानिक मूल्यों के प्रसार के उद्देश्य से आयोजित यह आयोजन ग्राम एवं आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।

कार्यक्रम का शुभारंभ – संविधान की प्रस्तावना से शुरुआत

समारोह के प्रथम दिन की शुरुआत बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर कैंडल जलाकर, पुष्प अर्पित कर की गई।
इसके बाद उपस्थित जनसमुदाय ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया। वाचन के दौरान ‘न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व’ जैसे मूल्यों को दोहराते हुए लोगों ने संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

मुख्य अतिथि का सम्मानित संबोधन

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे
श्री जितेंद्र खूंटे, सरपंच प्रतिनिधि,
ने संविधान दिवस को समाजिक जागरूकता का महत्वपूर्ण अवसर बताते हुए कहा कि—
“संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि भारत के हर नागरिक के अधिकारों और कर्तव्यों का आधार है।”
उन्होंने आयोजन समिति और ग्रामवासियों के प्रयासों की भी सराहना की।

मुख्य प्रवक्ता का प्रभावशाली उद्बोधन

समारोह के प्रथम दिवस में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे
आयुष्मान सुनील भारद्वाज, विख्यात वक्ता हसौद।
उन्होंने अपने विस्तृत और प्रभावशाली उद्बोधन में भारतीय संविधान की रूपरेखा, निर्माण प्रक्रिया, बाबा साहब की भूमिका, मूल अधिकार, मूल कर्तव्य, निदेशक सिद्धांत तथा आधुनिक भारत पर संविधान के प्रभावों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।

भारद्वाज जी ने कहा कि—
“संविधान की शक्ति तभी प्रकट होती है जब आम नागरिक उसके मूल्यों को अपने आचरण में उतारते हैं।"
उनका संबोधन उपस्थित जनों के बीच अत्यंत सराहनीय रहा और लोगों में संवैधानिक जागरूकता की नई ऊर्जा पैदा की।

समारोह में ग्रामवासियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी

ग्राम भनेतरा सहित आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा, वरिष्ठ नागरिक एवं विभिन्न सामाजिक संगठन उपस्थित रहे।
समारोह स्थल पर सामाजिक एकता, भाईचारे और अम्बेडकरवादी विचारधारा की झलक साफ दिखाई दी।

मंच संचालन

पूरे कार्यक्रम का संचालन अत्यंत व्यवस्थित और प्रभावशाली ढंग से
पीतांबर बंजारे जी द्वारा किया गया।
उनके संचालन ने कार्यक्रम को अनुशासित, सुसंगत और प्रेरणादायी बनाए रखा।

आगामी दो दिनों में सांस्कृतिक और सत्संग कार्यक्रम

आयोजन समिति ने बताया कि अगले दो दिनों में

सत्संग,

गुरु घासीदास जी की शिक्षाओं पर प्रवचन,

सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम,

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
आदि आयोजित की जाएंगी।

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