logo

उद्देशिका के 74 शब्दों में निहित है पूरे भारतीय संविधान की आत्मा -कलेक्टर

उद्देशिका के 74 शब्दों में निहित है पूरे भारतीय संविधान की आत्मा - कलेक्टर

संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़ ने भारतीय संविधान की विशेषताओं, उसकी उद्देशिका तथा लोकतांत्रिक मूल्यों पर विस्तृत एवं प्रेरक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि उद्देशिका के मात्र 74 शब्दों में पूरे भारतीय संविधान की आत्मा समाहित है।

यह स्तरीय कार्यक्रम शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1, मुरैना में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री कमलेश कुमार भार्गव, एसडीएम मुरैना श्री बी.एस. कुशवाह, डिप्टी कलेक्टर श्री भरत कुमार, श्रीमती प्रतिज्ञा शर्मा सहित समस्त जिला अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षकगण एवं बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है, किंतु इसकी आत्मा इसकी उद्देशिका में निहित है, जो केवल 74 शब्दों से निर्मित है। उन्होंने बताया कि इन 74 शब्दों में संविधान के सभी अनुच्छेदों एवं प्रावधानों का सार समाहित है। उद्देशिका के महत्व को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह संविधान की शक्तियों के स्रोत को परिभाषित करती है। उद्देशिका का प्रारंभ “हम भारत के लोग” शब्दों से होता है, जो यह स्पष्ट करता है कि भारतीय संविधान का निर्माण भारत के लोगों ने स्वयं किया है। संविधान की शक्ति का स्रोत न कोई राजा है, न कोई सामंतवादी शासक और न ही कोई औपनिवेशिक या बाहरी शक्ति, बल्कि देश की जनता है।

उन्होंने बताया कि संविधान निर्माण के समय भारत में लगभग 550 रियासतें थीं। इनमें से विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को संविधान सभा में शामिल किया गया, जो अपने-अपने क्षेत्रों की जनता के प्रतिनिधि थे। उस समय देश की जनसंख्या लगभग 35 करोड़ थी और इतने बड़े जनसमूह का एक साथ प्रत्यक्ष रूप से एकत्र होना संभव नहीं था। इसलिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत प्रतिनिधियों ने संविधान सभा में बैठकर संविधान का प्रारूप तैयार किया। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण की प्रक्रिया के दौरान व्यापक चर्चा एवं विचार-विमर्श हुआ, जिनके अभिलेख आज भी उपलब्ध हैं। यह प्रक्रिया इस तथ्य को स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि भारतीय संविधान सहमति और संवाद के आधार पर निर्मित हुआ है।

कलेक्टर ने उद्देशिका में निहित चार प्रमुख सिद्धांतों—न्याय, स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व—पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि न्याय केवल राजनीतिक न्याय तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय भी सम्मिलित है। सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करना संविधान का मूल उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विचारों की स्वतंत्रता तथा धर्म को मानने और उसका आचरण करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है, जिससे लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक नागरिक अपने विचार निर्भीकता से व्यक्त कर सकता है।

समानता के विषय में उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के अंतर्गत कानून के समक्ष सभी नागरिक समान हैं। औपनिवेशिक एवं सामंतवादी व्यवस्था के दौरान विद्यमान भेदभाव और विभाजन को समाप्त कर संविधान द्वारा समानता स्थापित की गई है। बंधुत्व के संबंध में कलेक्टर ने कहा कि इसका उद्देश्य समाज में आपसी भाईचारे, सौहार्द तथा एकता की भावना को सुदृढ़ करना है, जिससे राष्ट्र की एकता एवं अखंडता बनी रहे। उन्होंने कहा कि यद्यपि उद्देशिका में केवल चार सिद्धांतों का उल्लेख है, किंतु इन्हीं में पूरे संविधान की आत्मा निहित है।

उन्होंने बताया कि 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकृत किया गया, इसी कारण यह दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जबकि 26 जनवरी 1950 को संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ।

कलेक्टर ने कहा कि संविधान देश की शासन व्यवस्था का मार्गदर्शक दस्तावेज है, अतः प्रत्येक नागरिक के लिए संविधान की जानकारी एवं उसके प्रति जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में कक्षा 10वीं से 12वीं तक संविधान, मौलिक अधिकार तथा राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांतों का विस्तृत अध्ययन कराया जाता है। इन पुस्तकों के माध्यम से विद्यार्थियों को संविधान के महत्व, उद्देश्य एवं प्रावधानों की समुचित जानकारी प्राप्त हो सकती है।

अपने संबोधन के अंत में कलेक्टर श्री जांगीड ने कहा कि संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य संविधान के मूल्यों को समझना, उद्देशिका में निहित आदर्शों को आत्मसात करना तथा उन मूल्यों से प्रेरणा लेकर एक जागरूक, जिम्मेदार एवं संवैधानिक नागरिक के रूप में राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है।

कार्यक्रम के दौरान स्कूली विद्यार्थियों ने भी संविधान पर अपने विचार प्रस्तुत किए। अंत में कलेक्टर द्वारा भारतीय संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया, जिसे उपस्थित सभी लोगों ने दोहराया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।
-
#JansamparkMP #morena2025 #Morena #ConstitutionDay #Constitution Jansampark Madhya Pradesh

37
1037 views