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अंधविश्वास पाखंडवाद को ताक पर रखकर बाबा साहब के संविधान को साक्षी मानकर बौद्ध धम्म के अनुसार रचाई शादी।

दौसा। राजस्थान के दौसा जिले में गांव उदलवाड़ा टीला वाली ढाणी ग्राम पंचायत गण्डरावा तहसील बैरावण्डा जिला दौसा मे 25 नवंबर 2025 मंगलवार को कल्याण सिंह ठेकेदार निवासी घुढलिया बास बांदीकुई जिला दौसा के श्रीमती धन्नी देवी एवं स्वर्गीय श्री छीतरमल पटेल अपने सुपोत्र पंकज कुमार धवन एवं सुपुत्र श्रीमती गीता देवी एवं श्री कल्याण सिंह ठेकेदार उर्फ़ कालूराम पूर्व वार्ड पंच निवासी बास घुढलिया तहसील बांदीकुई जिला दौसा के पंकज कुमार के संग श्रीमती ज्योति कुमारी सुपोत्री श्रीमती नाथी देवी एवं स्वर्गीय श्री हरषाय जी गंगवाल एवं श्रीमती सुनीता देवी श्री छोटेलाल जी गंगवाल निवासी टीला वाली ढाणी उदालवाडा ग्राम पंचायत गण्डरावा तहसील बैरावण्डा जिला दौसा के साथ शादी संपन्न हुई।

बहुजन समाज के लोगों द्वारा मनुवादी पाखंडवाद को ताक पर रख कर बौद्ध धर्म के अनुसार बाबा साहब भीमराव अंबेडकर व गौतम बुद्ध को तथा संविधान को साक्षी मानकर रचाई शादी,
हिंदू धर्म के अनुसार शादी में पाखंडवाद मनुवाद व झूठे आडंम्बर व्यर्थ का समय वह अंधविश्वास को दूर करते हुए बाबा साहब के अनुयायियों ने समाज को एक नया संदेश दिया।

संविधान को साक्षी मानकर बाबा साहब व गुरू गोतम बुद्ध प्रतिमा के सामने बौद्ध धर्म के अनुसार एक दूजा जीवन भर जीवनसाथी के रूप में प्रतिज्ञा की, हिंदू धर्म के अंधविश्वास को वह मनुवादी पाखंड को दूर करते हुए उन्होंने बहुजन को एक मजबूत समाज सुधारक संदेश प्रस्तुत किया। जिसमें वर और वधू के परिजनों ने बौद्ध धर्म की शादी को स्वीकार करते हुए वर वधु को शादी का प्रमाण पत्र भेंट कर आशीर्वाद दिया।

वर व वधू ने बाबा साहब गौतम बुद्ध की प्रतिमा के सामने दीपक जलाकर बौद्ध धर्म की अनुसार गुरु मंत्रौ का उच्चारण कर एक दूसरे ने जीवन भर साथ निभाना का वादा किया साथ ही नवयुवकों को अंधविश्वास पाखंडवाद से दूर हट कर इस बौद्ध विचारधारा में शादी करने के लिए समाज को संदेश पहुंचा वधू ने बिना मांग में सिंदूर भरते हुए और बिना मंगलसूत्र के अंधविश्वास और पाखंड वाद को दूर करते हुए बौद्ध धर्म के विचारों को व भारत के संविधान को साक्षी मानकर अपनी शादी रचाकर लोगों को संदेश पहुंचाया।

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