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"उर्मिल काला ‘निर्मल’ को साहित्य क्षेत्र में मानद उपाधि, क्षेत्र में हर्ष की लहर"


द्वारीखाल संबाददाता जयमल चंद्रा

पौड़ी गढ़वाल/कोटद्वार।
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले जाने-माने साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. उर्मिल काला ‘निर्मल’ को प्रतिष्ठित सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन यूनिवर्सिटी, अमेरिका (मुंबई शाखा) द्वारा मानद डॉक्टरेट (D.Litt.) की उपाधि प्रदान की गई है। मानद उपाधि मिलने की आधिकारिक सूचना एसोसिएशन द्वारा पंजीकृत डाक के माध्यम से भेजी गई, जिसका ट्रैकिंग नंबर भी संबंधित संदेश में उपलब्ध कराया गया है।

यह सम्मान डॉ. काला द्वारा वर्षों से साहित्य, समाज और शिक्षा जगत में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की स्वीकृति माना जा रहा है।
मूल रूप से भैड़गाँव, पट्टी लंगूर, डाडामंडी (द्वारीखाल), जनपद पौड़ी गढ़वाल निवासी डॉ. काला का जन्म 8 जून 1969 को हुआ। आप एक समर्पित शिक्षक, साहित्यकार और चिंतक के रूप में लंबे समय से सक्रिय हैं। ह्लया, चाँद सी चकोरी (गढ़वाली एल्बम) तथा निर्मल पर्यावरण जैसी आपकी चर्चित कृतियाँ आपकी लेखनी की विविधता और सामाजिक सरोकार को प्रदर्शित करती हैं।

आपने एम.ए., अर्थशास्त्र, बीएससी, बी.एड. की उच्च शिक्षा प्राप्त की तथा शिक्षा-क्षेत्र में लम्बे समय तक सक्रिय रहते हुए विद्यार्थियों और समाज को दिशा देने का कार्य किया। वर्तमान में आप AUGIC चेलूसैण मे कार्यरत और बालासौड़, कोटद्वार (गढ़वाल) में निवासरत हैं।

मानद उपाधि की घोषणा के बाद क्षेत्र में खुशी की लहर है। स्थानीय सामाजिक संगठनों, साहित्यकारों और शिक्षकों ने डॉ. काला को बधाई देते हुए इसे गढ़वाल और उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण बताया।

डॉ. काला ‘निर्मल’ ने इस सम्मान को साहित्य और समाज के प्रति अपने दायित्व को और मजबूत करने वाला प्रेरणास्रोत बताया।

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