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“नीले-ड्रम मर्डर केस में नया मोड़: मुस्कान ने Jail में बेटी को जन्म दिया, साहिल की नानी बोलीं — ‘इस बच्ची से हमारा कोई रिश्ता नहीं’

✍️न्यूज़ रिपोर्ट

मेरठ, उत्तर प्रदेश — बहुचर्चित “नीले-ड्रम” हत्याकांड में नया ट्विस्ट आया है: आरोपी महिला मुस्कान रस्तोगी ने जेल के भीतर ही एक बेटी को जन्म दिया है, और इस मासूम का पिता अब विवाद का केंद्र बन गया है। जन्म-तिथि की बजाय यह-बात सबसे दिलचस्प है कि बच्ची उसी दिन आई जब मुस्कान के मृत पति सौरभ का जन्मदिन था।

मुस्कान की डिलीवरी सुरक्षित और नॉर्मल रही — डाक्टरों की टीम ने उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर निगरानी में रखा था। उसने नवजात बेटी का नाम “राधा” रखा, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि राधा किसकी है: क्या यह बच्ची सौरभ की थी, या मुस्कान के प्रेमी साहिल की?

मामले में सौरभ के परिवार ने डीएनए टेस्ट की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके। वहीं, साहिल की नानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं बच्ची से मेरा कोई संबंध नहीं मान सकती” — उन्होंने साफ किया कि घरवालों ने इस बच्ची को स्वीकारने से दूरी बनाई है, और उनकी कठिनाइयाँ भी अलग हैं।

अब सवाल ये है: अदालत या सोशल वेलफेयर क्या फैसला करेगी? क्या इस बच्ची को जिस परिवार ने जन्म दिया, उसी परिवार में पलने का मौका मिलेगा — या किसी थर्ड-पार्टी की जिम्मेदारी तय होगी?

⭐ Saurabh Murder Case: पूरा विश्लेषण

नीले-ड्रम मर्डर केस में मुस्कान द्वारा जेल में बेटी को जन्म देने के बाद मामला सिर्फ हत्या तक सीमित नहीं रहा — अब यह ड्रामेटिक पारिवारिक विवाद, डीएनए टेस्ट, और कानूनी जिम्मेदारियों तक फैल गया है।
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🕒 टाइमलाइन — कब-क्या हुआ?

1. शादी और रिश्तों में दरार

मुस्कान रस्तोगी और सौरभ राजपूत की शादी हुई।

परिवार के मुताबिक रिश्ते कुछ समय से ठीक नहीं चल रहे थे।

इसी दौरान मुस्कान का साहिल शुक्ला से संपर्क बढ़ा।


2. हत्या और नीले ड्रम का खुलासा

सौरभ की हत्या कर उसका शव नीले प्लास्टिक ड्रम में भरकर फेंका गया।

जांच में मुस्कान और साहिल दोनों आरोपी बनाए गए।

पुलिस का दावा: हत्या प्रेम संबंध और विवाद के चलते हुई।


3. जेल में गर्भावस्था का खुलासा

गिरफ्तार करने के बाद मुस्कान गर्भवती पाई गई।

यह सवाल उठा कि बच्चा किसका है — सौरभ का या साहिल का?


4. 24 नवंबर — बच्ची राधा का जन्म

मुस्कान ने जेल में बेटी को जन्म दिया।

संयोग — 24 नवंबर को सौरभ का जन्मदिन भी था।

परिवार और सोशल मीडिया पर यह बात बड़ी चर्चा बनी।


5. साहिल की नानी का बयान

साहिल की नानी ने साफ कहा:
“मैं इस बच्ची को अपना नहीं मान सकती।”

उन्होंने कहा कि जब तक डीएनए की पुष्टि नहीं होती, उनका परिवार बच्ची को स्वीकार नहीं करेगा।


6. डीएनए टेस्ट की मांग

सौरभ के परिवार ने भी कानूनी रूप से डीएनए की मांग की है।

दोनों परिवारों के लिए बच्ची की पहचान एक संवेदनशील मुद्दा बन गई है।

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⚖️ कानूनी विश्लेषण — आगे क्या होगा?

1. डीएनए टेस्ट अनिवार्य हो सकता है

अदालत अक्सर ऐसे मामलों में

बच्ची के भरण-पोषण,

संपत्ति अधिकार,

आरोपों की पुष्टि
के लिए डीएनए टेस्ट का आदेश देती है।


यहाँ दोनों परिवारों ने दावा या इनकार किया है, इसलिए टेस्ट लगभग तय है।

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2. बच्ची का भविष्य — कौन होगा अभिभावक?

भारतीय जेल मैनुअल के अनुसार:

बच्चा 6 साल की उम्र तक माँ के साथ जेल में रह सकता है।

इसके बाद:

रिश्तेदार ले सकते हैं

या

बाल कल्याण समिति (CWC) बच्चे की कस्टडी तय करेगी



अगर डीएनए से पिता की पहचान अलग निकलती है —
तो अभिभावकत्व भी बदल सकता है।

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3. मुस्कान के मामले पर इसका प्रभाव?

बच्ची का जन्म हत्या के केस को कमज़ोर या मजबूत नहीं करता।

लेकिन:

कोर्ट में मानसिक स्थिति,

स्थितियों का दबाव,

गर्भावस्था
को ध्यान में रखा जाता है।


सज़ा का निर्धारण बाद में इसी बैकग्राउंड के साथ होगा।

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📢 सोशल एंगल — जनता में क्या चर्चा?

यह बात सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रही है कि बच्ची उसी दिन पैदा हुई जिस दिन सौरभ का जन्मदिन था।

सोशल मीडिया पर इसे “किस्मत का करारा जवाब”, “कड़वी विडंबना”, और “प्रकृति का न्याय” जैसे शब्दों में चर्चित किया जा रहा है।

कई लोग बच्ची के भविष्य को लेकर चिंता भी जता रहे हैं।

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