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पंडरिया शक्कर कारखाना: सीनियरिटी पर सवाल, भर्राशाही पर चुप्पी क्यों?

शक्कर कारखाना/ पंडरिया/ कबीरधाम/ 26112025

आवाज मजदूरों की अनसुनी कर कारखाना प्रशासन अपनी मनमानी कर रहा है।श्रमिकों का कहना है कि जहाँ पहले भर्ती सीनियरिटी के आधार पर होने की बात कही गई थी, वहीं अब ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है जिन्होंने कभी कारखाने में कदम तक नहीं रखा। कई तो पिछले वर्ष ही नियुक्त हुए थे, लेकिन इस सत्र में उनके नाम सबसे पहले जोड़ दिए गए।

पंडरिया शक्कर कारखाने में भ्रष्टाचार और मनमानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। एक बार फिर सीनियरिटी नियमों को ताक पर रखकर वरिष्ठ श्रमिकों के साथ अन्याय किया गया है। आठ वर्षों से काम कर रहे अनुभवी कर्मचारियों को पीछे छोड़, नए चेहरों को तरजीह देने से श्रमिकों में गहरा आक्रोश है।

श्रमिकों का सीधा सवाल है—क्या अब सीनियरिटी का कोई मूल्य नहीं रहा? क्या भर्ती प्रक्रिया सिर्फ़ कुछ चुनिंदा लोगों के लिए बनाई जा रही है?

भारतीय मजदूर संघ ने कारखाना प्रबंधन पर पारदर्शिता की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सीनियरिटी आधारित प्रक्रिया लागू नहीं हुई, तो संगठन आंदोलनात्मक रुख अपनाएगा।

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