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IAS संतोष वर्मा प्रकरण पर सरकार की चुप्पी संदिग्ध — अब कार्रवाई अनिवार्य:

✍️ डॉ. महेश प्रसाद मिश्रा, भोपाल की कलम से:

सवर्ण आर्मी मध्यप्रदेश का प्रखर आधिकारिक वक्तव्य:
मध्यप्रदेश में हाल ही घटित IAS संतोष वर्मा का प्रकरण न केवल प्रशासनिक पतन का उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाता है कि व्यवस्था के भीतर कुछ लोग अपने पद और शक्ति का दुरुपयोग करते हुए समाज विशेष के सम्मान पर प्रहार कर रहे हैं।सरकार द्वारा अब तक एक भी ठोस कदम न उठाना— संदेह पैदा करता है कि कहीं शासन स्वयं इस आपत्तिजनक व्यवहार को मौन संरक्षण तो नहीं दे रहा।
🔻 सवर्ण समाज के सम्मान पर प्रहार — सीधे-सीधे दंडनीय अपराध
IAS संतोष वर्मा के कथित बयान सिर्फ विवाद नहीं, बल्कि निम्न गंभीर धाराओं के अंतर्गत पूर्णत: दंडनीय अपराध की श्रेणी में आते हैं—
⚖ IPC 153A :समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने वाला आपत्तिजनक बयान।
⚖ IPC 295A:सामाजिक/धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर ठेस पहुँचाने का कृत्य।
⚖ IPC 500 (मानहानि):पूरे समाज की प्रतिष्ठा को क्षति पहुँचाने वाला अपराध।
⚖ IPC 504:उकसाने वाला व्यवहार जिससे शांति भंग हो सकती है।
⚖ IPC 505(2):समुदायों में द्वेष या असंतोष फैलाने वाला वक्तव्य।
⚖ IAS Conduct Rules 1968 — Rule 3, Rule 7:एक IAS अधिकारी के लिए ऐसे वक्तव्य देना स्पष्ट रूप से सेवा नियमों का उल्लंघन है और इसके लिए निलंबन और बर्खास्तगी दोनों सम्भव हैं।

सवर्ण आर्मी मध्यप्रदेश की दो-टूक माँग: हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि—अब यह मामला सिर्फ एक अधिकारी की अभद्र टिप्पणी का नहीं रह गया है; यह पूरे सवर्ण समाज के सम्मान से जुड़ा विषय है।
इसलिए:

1️⃣ IAS संतोष वर्मा पर तत्काल FIR दर्ज की जाए।
2️⃣ सेवा नियमों के अंतर्गत कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई (निलंबन/बर्खास्तगी) हो।
3️⃣ सरकार इस पूरे प्रकरण पर अपनी आधिकारिक स्थिति स्पष्ट करे।

⚠ सरकार के लिए कड़ा लेकिन पूर्णतः संवैधानिक संदेश: सवर्ण आर्मी स्पष्ट चेतावनी देती है कि—यदि आगामी दिनों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती,तो संगठन पूरे प्रदेश में लोकतांत्रिक अधिकारों के तहतएक वृहद शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावी आंदोलन करेगा।यदि हालात नियंत्रण से बाहर होते हैं,तो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी मध्यप्रदेश सरकार की होगी, क्योंकि समाज के सम्मान पर हम न समझौता करते हैं, न करेंगे।

सवर्ण आर्मी की प्रतिज्ञा: हम कानून की सीमाओं में रहते हुए संघर्ष करेंगे,परंतु अन्याय के सामने मौन नहीं रहेंगे। समाज का अपमान — चाहे किसी भी व्यक्ति द्वारा हो — उसका कठोर कानूनी प्रतिकार अनिवार्य है।

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