
अकादमी ने किया भूले बिसरे छत्तीसगढ़ी गीतों का आयोजन
शक्ति,डभरा -शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ द्वारा विलुप्त हो रहे छत्तीसगढ़ी गीतों की खुशबू बिखेरने हेतु आनलाइन आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टीकाराम सारथी"हसमुख"प्राचार्य रहे। सरस्वती वंदना ओ.पी.कौशिक "रतनपुरिहा"प्राचार्य ने व राजगीत
चन्द्रमणी चौहान ने प्रस्तुत किया।
भूले बिसरे छत्तीसगढ़ी गीतों के कार्यक्रम को संस्थापक संयोजक डॉ.शिवनारायण देवांगन आस,प्रांताध्यक्ष कौशलेंद्र पटेल,प्रदेश महासचिव व कार्यक्रम संयोजक डॉ.बोधी राम साहू,कार्यक्रम प्रभारी विजय प्रधान ने संबोधित करते हुए कहा कि हम सब छत्तीसगढ़ के वासी है,छत्तीसगढ़ की गुरतूर भाखा में गीतों की प्रस्तुति आनंददाई है वहीं विलुप्त हो रहे छत्तीसगढ़ी गीतों के संवर्धन के लिए भूले बिसरे गीतों का आयोजन प्रशंसनीय है। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश संगठन मंत्री राधेश्याम कंवर ने किया ।
उक्त कार्यक्रम में हेमा चन्द्रवंशी प्रधान पाठक, देवनारायण राज, रामकुमार पटेल ,दिनेश कुमार दुबे, सारिका सोनी, श्रीमति दुर्गा पाठक, शिव कुमार अंगारे, मनोहर लाल यादव, नैना साहनी,
रीता राज सिदार ,
हरमन कुमार बघेल ,श्रीमती रेखा पात्रे ,भीखम देवांगन,
श्रीमती तारा बन्छोर ,मोहित कुमार शर्मा ने प्रस्तुति दी।