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क्या आपके आधार और पैन कार्ड का हो रहा है गलत इस्तेमाल? पहचान दस्तावेज़ों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल!”

कोई दूसरा तो यूज़ नहीं कर रहा?
हमारा SIM, आधार नंबर व PAN
होटल में चेक-इन करना हो, नया SIM लेना हो, बैंक का काम हो या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करना हो, ऐसी तमाम जगहों पर हम अक्सर अपने आधार और PAN कार्ड की फोटोकॉपी साझा कर देते हैं। पर सोचिए, अगर ये गलत हाथों में पड़ जाएं तो? या हमारे नाम से कोई सिम कार्ड चल रहा हो और हमें पता ही नहीं? कैसे पता लगाएं इनका और कैसे रोकें मिसयूज़, एक्सपर्ट्स से बात कर जानकारी दे रहे हैं वरुण आनंद

गलत इस्तेमाल के ये हो सकते हैं नुकसान
आधार डिजिटल पहचान की कुंजी
आधार कार्ड से बैंक अकाउंट, मोबाइल SIM, गैस सब्सिडी और तमाम ऑनलाइन सेवाएं जुड़ी हैं। अगर इसका डेटा या कॉपी किसी गलत व्यक्ति के हाथ लग जाए तो वह हमारे नाम पर फर्जी KYC, सरकारी लाभ या डिजिटल लोन तक हासिल कर सकता है।

PAN हमारी फाइनैंशल पहचान
Permanent Account Number (PAN) कार्ड से हमारे बैंक अकाउंट, टैक्स रिटर्न, क्रेडिट रिपोर्ट और लोन हिस्ट्री सब जुड़े होते हैं। इसका गलत इस्तेमाल हुआ तो हमारे नाम से फर्जी बैंक अकाउंट, GST रजिस्ट्रेशन या ट्रेडिंग अकाउंट तक खुल सकता है।

SIM कम्युनिकेशन करने वाले की पहचान
Subscriber Identity Module (SIM) कार्ड का गलत इस्तेमाल सीधे साइबर क्राइम से जुड़ता है। अगर किसी ने हमारे नाम से फर्जी SIM ले लिया तो वह उससे OTP, बैंक ट्रांजैक्शन या धोखाधड़ी वाले कॉल कर सकता है।

यह सावधानी सबसे ज़रूरी

आधार, PAN या किसी डॉक्युमेंट की फोटोकॉपी देते समय उस पर लिखें कि किस काम के लिए ये फोटोकॉपी दी जा रही है। उस पर तारीख लिखकर साइन करें।

केस से समझें: कॉल आया तो पता चला, बिना मांगे चल रहा है लोन
34 साल के अमित सक्सेना (बदला हुआ नाम) एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। कुछ महीनों पहले उनके मोबाइल फोन पर कॉल आई कि आपके बैंक लोन की पेमंट 3 महीने से बकाया है। अमित हैरान रह गए क्योंकि उन्होंने कभी कोई लोन लिया ही नहीं था। जब उन्होंने जांच कराई तो पता चला कि उनके नाम से 2 मोबाइल नंबर और एक फर्जी बैंक अकाउंट चल रहा था, जिनसे डिजिटल लोन लिया गया था। जांच से पता चला कि एक होटल में ठहरने के दौरान अमित ने अपने आधार और PAN की फोटोकॉपी जमा की थी, जिनका बाद में गलत इस्तेमाल कर किसी अनजान शख्स ने यह फर्जीवाड़ा किया। अमित को न सिर्फ बैंक में सफाई देनी पड़ी बल्कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराने और अपने क्रेडिट रेकॉर्ड को सुधरवाने में महीनों लग गए। उनके साथ ऐसा दोबारा न हो इसके लिए अब वह सतर्क हो गए हैं। अब वह हर 3 महीने में अपने नाम पर जारी मोबाइल नंबर और CIBIL रिपोर्ट की जांच करते हैं।

जानें, कितने SIM हमारे नाम पर
बहुत-से लोगों को पता नहीं होता कि उनके नाम पर कितने मोबाइल नंबर चल रहे हैं। इसे जांचने के लिए संचार साथी पोर्टल का इस्तेमाल करें।

ऐसे जांचें:
वेब पोर्टल sancharsaathi.gov.in को खोलें।
पेज को स्क्रॉल करने पर थोड़ा नीचे आएं। Know Mobile Connections in Your Name का ऑप्शन दिखेगा, इसे क्लिक करें।
नए पेज पर मोबाइल नंबर (जो यूज कर रहे हैं वही भरें) और Captcha डालने का ऑप्शन होगा। इन्हें भरकर नीचे लिखे Validate Captcha पर क्लिक करें। उस मोबाइल नंबर पर OTP आएगा। कंप्यूटर स्क्रीन पर OTP डालने के बाद नीचे लिखे Login पर क्लिक करें।
कुछ सेकंड में स्क्रीन पर आपके नाम से जुड़े सभी ऐक्टिव मोबाइल नंबर दिखाई देंगे। इसमें एक नंबर वही होगा, जिससे Login किया है।
इसमें कोई भी नंबर पूरा नहीं दिखेगा। सभी नंबरों के कुछ डिजिट ही दिखेंगे।
सभी नंबरों के सामने 3 ऑप्शन होंगे। Not My Number, Not Requried, Requried 3 ऑप्शन में किसी को चुन सकते हैं।
कोई नंबर ऐसा है जो आपका नहीं है तो उसे सेलेक्ट कर (नंबर के लेफ्ट में दिए बॉक्स पर क्लिक करके) Not My Number या Not Requried पर क्लिक कर नीचे दिए Report पर क्लिक करें। उस नंबर की Report हो जाएगी।

आधार का कहां-कहां हुआ यूज़
आधार नंबर से कहां-कहां और कब-कब ऑथेंटिकेशन हुआ यानी उसका इस्तेमाल
किया गया इसका पता इस तरह से लगाया
जा सकता है।

ऐसे जांचें:
वेब पोर्टल myaadhaar.uidai.gov.in खोलें।
सामने Login के ऑप्शन पर क्लिक करें।
नए खुले पेज पर आधार नंबर और Captcha डालने का ऑप्शन होगा, इन्हें भरकर नीचे Login With OTP पर क्लिक करें।
आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP आएगा। इसे भरकर नीचे लिखे Login पर क्लिक करें।
नए खुले पेज पर राइट साइड में थोड़ा नीचे की तरफ एक ऑप्शन दिखेगा Authentication history, इस पर क्लिक करें।
नए खुले पेज पर Select Modality के ऑप्शन पर क्लिक करके ALL चुनें।
इसके नीचे तारीखों के दो बॉक्स होंगे, यहां वे तारीखें दर्ज करें, जिनके बीच आधार ऑथेंटिकेशन के बारे में जानना है। इसके बार राइट साइड पर Fetch Authentication history पर क्लिक करें। यहां बीते 6 महीनों की पूरी लिस्ट मिलेगी कि हमारे आधार से कब व किस एजेंसी ने ऑथेंटिकेशन किया।
नोट: अगर कोई एंट्री संदिग्ध लगे जैसे किसी बैंक या संस्था का नाम जिसे आप नहीं जानते तो UIDAI को help@uidai.gov.in पर ईमेल या हेल्पलाइन 1947 पर कॉल कर सकते हैं।

PAN के मिसयूज़ का ऐसे लगाएं पता
इनकम टैक्स के वेब पोर्टल incometax.gov.in पर जाएं।
पेज पर सबसे ऊपर Login पर क्लिक करें। नए खुले पेज पर PAN डालकर Continue पर क्लिक करें। नए पेज पर Password डालें।
नए खुले पेज पर राइट साइड में ऊपर की तरफ आपका नाम दिखेगा। उस पर क्लिक करने पर My Profile का ऑप्शन दिखेगा, उसे क्लिक करें।
अब लेफ्ट साइड पर बहुत सारे ऑप्शन में सबसे ऊपर My Bank Account होगा, उसे क्लिक करें। यहां पता चल जाएंगे आपके पैन से कौन-कौन से बैंक अकाउंट लिंक हैं। अगर कोई बैंक अकाउंट बिना जानकारी के जुड़ा है तो उसकी शिकायत उस बैंक में कर सकते हैं क्योंकि उस अकाउंट की पूरी जानकारी यहां होगी।
My Bank Account के नीचे My Demat Account के ऑप्शन से जान सकते हैं कोई डीमैट अकाउंट बिना जानकारी तो पैन से लिंक नहीं है।

यह भी देखें
इनकम टैक्स के वेब पोर्टल पर Login के बाद सबसे ऊपर AIS (Annual Information Statement) का ऑप्शन होगा। इस पर क्लिक कर जो नया पेज खुलेगा उसमें राइट साइड पर Download AIS होगा, इसे डाउनलोड करें।
रिपोर्ट में देख सकते हैं कि कोई अनजान बैंक अकाउंट, FD, शेयर ट्रेडिंग तो नहीं दिख रही।

किसी ने लोन तो नहीं लिया हमारे नाम पर?
वेब पोर्टल cibil.com पर जाएं। सामने लिखे GET YOUR FREE CIBIL SCORE & REPORT पर क्लिक करें। नए खुले पेज पर Email Address, Password आदि डालकर Accept and Continue पर क्लिक करें।
पोर्टल पर पहले से रजिस्टर्ड हैं तो सीधे लॉगइन करें। नए खुले पेज पर राइट साइड में VIEW YOUR CIBIL REPORT पर क्लिक करें।
नए पेज पर Enquiry Information के ऑप्शन पर क्लिक करने से पता चलेगा कि क्या किसी ने आपके नाम से लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए इन्कवायरी की है या नहीं, कोई लोन तो नहीं चल रहा आपके नाम पर।
PAN से जुड़ी कोई जानकारी संदिग्ध लगे तो efilingwebmanager@incometax.gov.in, itrhelpdesk@incometax.gov.in पर ईमेल या cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।

एक्सपर्ट पैनल
कर्णिका ए सेठ, साइबर लॉ एक्सपर्ट
प्रो. फरहत बी. खान, डिजिटल मीडिया एक्सपर्ट


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