
पीड़ित परिवार, महिला जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के साथ प्लांट गेट के सामने बैठकर न्याय की मांग कर रहा है।
आइमा मीडिया स्पेशल रिपोर्ट
MSP प्लांट मजदूर मृत्यु मामले में समझौता सवालों के घेरे में, पीड़ित परिवार धरने पर—50 लाख मुआवजा व नौकरी की मांग
रायगढ़। MSP प्लांट में कार्यरत मजदूर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद कंपनी प्रबंधन द्वारा किए गए समझौते पर अब बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मृतक के परिजनों और सामाजिक प्रतिनिधियों ने प्लांट गेट के सामने धरना शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि कंपनी द्वारा दिए गए ₹13.5 लाख के मुआवजे और ₹50,000 दाह-संस्कार सहायता को “अपर्याप्त” और “एकतरफा” तरीके से थोप दिया गया।
परिवार अब ₹50 लाख मुआवजे, स्थायी नौकरी, पत्नी के लिए पेंशन और बच्चों की शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी की मांग कर रहा है।
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📝 विवादित समझौता पत्र पर सवाल
दिनांक 25.11.2025 को कंपनी और परिवार के बीच एक लिखित समझौता किया गया था, जिसमें कंपनी ने:
₹13,50,000 मुआवजा (RTGS/चेक द्वारा)
₹50,000 अंतिम संस्कार राशि
बालिग होने पर योग्यता अनुसार नौकरी
देने की बात कही थी।
लेकिन प्रभावित परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि यह समझौता दबाव में कराया गया, और कंपनी ने मामले को जल्दी निपटाने के लिए गरीबी और मजबूरी का फायदा उठाया।
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📍 प्लांट गेट पर धरना जारी
पीड़ित परिवार, महिला जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के साथ प्लांट गेट के सामने बैठकर न्याय की मांग कर रहा है।
धरने में शामिल लोगों ने कहा—
> “13 लाख में किसी इंसान की जान की कीमत नहीं लगाई जा सकती। यह मजदूर की नहीं, गरीब की मजबूरी का समझौता है।”
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📣 पीड़ित परिवार की प्रमुख मांगें
1. ₹50 लाख सम्मानजनक मुआवजा
2. एक सदस्य को स्थायी नौकरी
3. मृत पत्नी जानकी साहू को आजीवन पेंशन
4. बच्चों की पढ़ाई और भविष्य की जिम्मेदारी कंपनी उठाए
5. जिला प्रशासन द्वारा समझौते की पुनः जांच
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📌 प्रशासन और श्रम विभाग से हस्तक्षेप की मांग
धरने पर बैठे जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर और श्रम अधिकारी से मांग की है कि:
समझौते की वैधता की जांच हो
यह पता लगाया जाए कि मुआवजा कर्मकार प्रतिकर अधिनियम और औद्योगिक सुरक्षा नियमों के अनुरूप है या नहीं
कंपनी द्वारा सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं
यदि लापरवाही सिद्ध होती है तो IPC की धारा 304A के तहत मामला दर्ज हो
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⚠️ मामला बना गंभीर सामाजिक मुद्दा
स्थानीय संगठनों का आरोप है कि औद्योगिक इकाइयों में मजदूरों के साथ “दुर्घटना के बाद समझौते का दबाव” एक आम प्रचलन बन चुका है। MSP प्लांट का यह मामला भी उसी की एक और कड़ी नजर आ रहा है।
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद हैं। समाचार लिखे जाने तक कंपनी प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
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📡 आइमा मीडिया की अपील
आइमा मीडिया इस गंभीर मामले की निगरानी कर रहा है और पीड़ित परिवार को न्याय मिलने तक हर अपडेट हमारे चैनल और प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित करता रहेगा।