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शक्कर कारखाना प्रशासन की मनमानी से परेशान मजदूर, नौकरी जाने का डर

मजदूरों की समस्या बराबर बनी हुई है शक्कर कारखाना प्रशासन इस पर उचित कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

पंडरिया, 25 नवंबर 2025।
शक्कर कारखाना पेराई सत्र 2025-26 शुरू हो चुका है, लेकिन अब तक कारखाने में सत्र प्रारंभ से काम करने वाले कई पुराने मजदूरों को काम पर नहीं बुलाया गया है। प्रशासन द्वारा तय नियमों के विपरीत, सीजन 2016-17 से काम करने वाले मजदूरों को पीछे छोड़कर नए मजदूरों को बुलाया जा रहा है, जिससे पुराने मजदूरों में नौकरी सुरक्षित रहने का डर बढ़ गया है।

महाप्रबंधक राकेश राजपूत के ट्रांसफर के बाद भी प्रशासन ने उन्हें अभी तक रिलीफ नहीं दिया है। इससे मजदूरों में यह आशंका और मजबूत हो गई है कि कारखाना प्रबंधन और अधिकारी मिलकर मजदूरों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।

भारतीय मजदूर संघ, शक्कर कारखाना पंडरिया ने इस मनमानी का कड़ा विरोध जताया है। संघ के महामंत्री ललित चंद्रवंशी ने कहा कि पुराने मजदूरों को निकाल कर नए कर्मचारियों को काम पर रखना प्रशासन की मनमानी है, जिससे सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी खतरे में है।

मजदूरों का आरोप है कि कारखाना प्रबंधन के कारण न केवल उनकी नौकरी पर संकट है बल्कि हालात नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं। वहीं, प्रशासन की अनदेखी और सत्ताधारियों के संरक्षण में यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।

मजदूर कल्याण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अब कारखाना प्रबंधन और जिला प्रशासन को जवाबदेही तय करनी होगी, वरना मजदूर संगठनों के आंदोलन और हड़ताल जैसी घटनाओं का खतरा बना रहेगा।
दीपक पांडेय जनचौपाल 36

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