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जालौन सीएचसी में घोर भ्रष्टाचार पर शासन प्रशासन की चुप्पी CMO की मिलीभगत से वर्षों से जमे अधिकारी मनमानी पर उतारू

अकील अहमद

जालौन CHC में अव्यवस्थाओं, भ्रष्टाचार और मरीजों के खुले शोषण की शिकायतें लंबे समय से उठ रही हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की लापरवाही ने हालात बदतर कर दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा पहले ही 4 दिन में रिपोर्ट माँगे जाने के आदेश दिए गए थे, फिर भी कार्रवाई का नाम तक नहीं।

सबसे गंभीर आरोप

जालौन सी एम ओ की सीधी मिलीभगत से
रुपेश साहू नाम का व्यक्ति कोई पद पर नहीं है फिर भी अस्पताल में ड्यूटी करता है शिकायत करने बाद भी कोई रोक नहीं उस पर अस्पताल के अधिकारीयों की

फार्मासिस्ट प्रेम नारायण शर्मा और डॉ. केडी गुप्ता वर्षों से एक ही जगह जमे हुए, जबकि नियम कहते हैं कि कोई भी अधिकारी 3 साल से अधिक नहीं रह सकता।

विभागीय अधिकारी शिकायतों को दबाने, गोलमाल करने और जांच को भटकाने में लगे हुए हैं।

CHC में दवाओं का बंदरबांट, बाहर से दवाएँ लिखवाना, मरीजों का शोषण—सब कुछ खुलेआम जारी।

कई बार लिखित शिकायतें होने के बाद भी कार्रवाई नहीं, उल्टा शिकायतकर्ता की आवाज को दबाने की कोशिशें।


जालौन CHC आज भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है और आश्चर्य की बात यह है कि शासन और स्वास्थ्य विभाग आँखें मूँदकर बैठे हैं। साफ दिख रहा है कि CMO की मिलीभगत के बिना इतने बड़े स्तर पर घपले संभव ही नहीं।

जनता की मांग स्पष्ट है

CMO की तत्काल खुली जांच

दोषी पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई

वर्षों से जमे डॉक्टर और फार्मासिस्ट का तुरंत ट्रांसफर


जालौन CHC पर शासन की यह चुप्पी सवाल बन चुकी है
क्या भ्रष्टाचारियों को बचाना ही व्यवस्था का नया नियम बन चुका है

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