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“सावधान! हाई-टेंशन लाइन के नीचे या पास प्रॉपर्टी न खरीदें । “जहाँ हाई-टेंशन लाइन हो—वहाँ प्रॉपर्टी न लें”

🌐 हाई-टेंशन लाइन वाली प्रॉपर्टी से सावधान!
132 kV, 220 kV, 400 kV लाइनों के नीचे या पास जमीन खरीदना क्यों खतरा है — जनहित में महत्वपूर्ण जानकारी**

🔶 1. प्रस्तावना (Introduction)
आजकल कई जगहों पर हाई-टेंशन (उच्च वोल्टेज) बिजली की लाइनें—132 kV, 220 kV, 400 kV—तेज़ी से विस्तार कर रही हैं।
सही जानकारी के अभाव में कई लोग ऐसी जमीन खरीद लेते हैं जिसके ऊपर या बगल से यह लाइन गुजरती है।
बाद में पता चलता है कि उस जमीन पर घर नहीं बन सकता, कमर्शियल गतिविधि नहीं हो सकती, बैंक लोन नहीं मिलता, और जमीन की कीमत आधी हो जाती है।

इसलिए किसी भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस जानकारी को समझना अत्यंत आवश्यक है।

🔶 2. हाई-टेंशन लाइन क्या है?
132 kV, 220 kV, 400 kV और इससे ऊपर की लाइनें बड़ी दूरी तक भारी मात्रा में बिजली ले जाने के लिए बनाई जाती हैं।
इनसे आसपास का पूरा क्षेत्र “ROW (Right of Way)” नामक सुरक्षा क्षेत्र घोषित होता है, जिसमें निर्माण पर प्रतिबंध होता है।

🔶 3. सरकारी मानक दूरी (CEA नियम – भारत सरकार)
ये दूरी भारत सरकार के CEA (Central Electricity Authority) Safety Regulations, 2010 के अनुसार हैं:

वोल्टेज लाइन न्यूनतम ROW (मीटर में) निर्माण के लिए जोखिम क्षेत्र
132 kV 27–30 मीटर 30 से 40 मीटर के अंदर No Construction
220 kV 35–40 मीटर 40 से 60 मीटर के अंदर निर्माण मना
400 kV 52–60 मीटर 60 से 80 मीटर के अंदर सख्त निषेध
➡ ROW के अंदर आने वाली प्रॉपर्टी खरीदना कानूनी, आर्थिक और सुरक्षा—तीनों दृष्टि से गलत है।

🔶 4. ऐसी जमीन क्यों नहीं लेनी चाहिए?
⚠️ 4.1 निर्माण पर कानूनी प्रतिबंध
हाई-टेंशन लाइन के नीचे घर, दुकान, स्कूल, होटल, अस्पताल, गोदाम—कुछ भी नहीं बनाया जा सकता।

पंचायत/नगर पालिका ऐसे भूखंड को NOC नहीं देती।

बिजली विभाग किसी भी समय निरीक्षण और मेंटेनेंस के लिए खेत में आएगा।

⚠️ 4.2 जमीन की कीमत 30%–70% तक गिर जाती है
कारण:

खरीदार कम मिलते हैं

बैंक ऐसे प्लॉट पर लोन नहीं देते

व्यापारिक उपयोग संभव नहीं

हमेशा दुर्घटना का जोखिम

👉 132 kV लाइन वाली जमीन की कीमत आमतौर पर 30–40% गिर जाती है।
👉 220 kV लाइन वाली 40–60% तक मूल्य गिर जाता है।
👉 400 kV के नीचे जमीन 70% तक भी अवमूल्यित हो सकती है।

⚠️ 4.3 वैज्ञानिक और स्वास्थ्य-सम्बंधी कारण
हाई-वोल्टेज तारों के आसपास EMF (Electro-Magnetic Field) बनता है।

लगातार EMF एक्सपोजर को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार सावधानी बरतना आवश्यक है।

कुछ शोधों में—नींद की समस्या, चक्कर, तनाव, दिमागी थकान आदि प्रभाव पाए गए हैं।

बारिश, नमी या तूफान में Flashover (बिजली कूदना) का खतरा काफी बढ़ जाता है।

रात में “हम्मिंग” या “भुनभुनाहट” जैसी ध्वनि “Corona Discharge” के कारण होती है।

⚠️ 4.4 व्यवसायिक उपयोग (Commercial Use) लगभग असंभव
होटल, हॉस्पिटल, स्कूल, कोचिंग, गोदाम, रेस्टोरेंट, मार्केट कॉम्प्लेक्स—सब पर पाबंदी।

बिजली लाइन के ऊपर से भारी मशीनरी नहीं चल सकती।

बीमा कंपनियाँ ऐसी प्रॉपर्टी का बीमा नहीं करतीं।

उद्योग/शोरूम के लिए अस्वीकृत।

➡ इसलिए निवेश के लिए भी पूर्णत: अवांछित (Unsuitable) संपत्ति है।

🔶 5. खेत में पोल लगा हो तो क्यों न खरीदें?
यदि खेत या जमीन के बीच में पोल लगा हो, जोखिम और नुकसान कई गुना बढ़ जाता है—

खेती का रास्ता रुक जाता है

ट्रैक्टर/हार्वेस्टर नहीं घूम पाते

जमीन दो हिस्सों में बंट जाती है

बारिश/आंधी में पोल गिरने का खतरा

फसल खराब होने पर विवाद

बैंक लोन बिल्कुल नहीं मिलता

👉 ऐसे प्लॉट की कीमत हमेशा बहुत कम रहती है और resale लगभग बंद हो जाता है।

🔶 6. लोग कैसे फँसते हैं? (सावधान रहें)
प्रॉपर्टी डीलर ROW की जानकारी नहीं बताते

कहते हैं “कोई दिक्कत नहीं आएगी”

जमीन सस्ती बताकर बेच देते हैं

सरकारी नियम नहीं दिखाते

खरीदार लाइन की ऊँचाई और दूरी नहीं नापता

➡ यही सबसे बड़ा धोखा है।

🔶 7. जमीन खरीदने से पहले जाँच-सूची (Checklist)
✓ क्या जमीन से हाई-टेंशन लाइन गुजरती है?
✓ कितने मीटर दूरी पर है?
✓ टावर किस वोल्टेज का है?
✓ जमीन ROW में आती है या बाहर?
✓ क्या बैंक इस जमीन पर लोन देगा?
✓ क्या निर्माण की अनुमति मिलेगी?
✓ क्या टावर/पोल बीच में है?

👉 इनमें से किसी भी सवाल का जवाब “खतरा” दिखे → जमीन न खरीदें।

🔶 8. अंतिम जनहित चेतावनी (Public Warning)
“जहाँ हाई-टेंशन लाइन—वहाँ प्रॉपर्टी नहीं।”
132 kV, 220 kV, 400 kV लाइनें सुरक्षा, कानूनी और आर्थिक हर angle से हानिकारक हैं।
ऐसी प्रॉपर्टी देखने में कितनी भी आकर्षक लगे, खरीदना आपका नुकसान ही नुकसान है।

👉 सुरक्षा पहले, निवेश बाद में।

🔶 9. स्रोत (Government Source for Reference)
भारत सरकार – Central Electricity Authority (CEA)
Safety and Electric Supply Regulations (2010)
Official PDF link:
https://cea.nic.in/wp-content/uploads/2020/04/Measures_Relating_to_Safety_and_Electricity_SupplyRegulations2010.pdf
।। जन हित में जारी ।।

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