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8 वें वेतन आयोग के टर्म आफ रिफरेन्स को पेंशनर्स हित में संशोधित करना बहुत जरुरी है- अमिय रमण।

गोरखपुर।भारत पेंशनर्स समाज के कार्यकारी अध्यक्ष श्री अमिय रमण ने एक भेट वार्ता में बताया कि 8 वें वेतन आयोग के टर्म आफ रिफरेन्स को पेंशनर्स हित मे संशोधित करना बहुत जरूरी है। उपरोक्त सन्दर्भ स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध वाक्य "*उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए*" की याद दिलाता है।
देश के निर्माण में अपना पूरा जीवन खपा देने वाले वरिष्ठ नागरिकों एवं पेंशनर्स के लिए यह आत्म- सम्मान और सुरक्षा की लड़ाई है। लोकतंत्र में अपनी बात रखना और हकों के लिए एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करना हर नागरिक का अधिकार है-
*8वें सीपीसी के दायरे में 69 लाख मौजूदा पेंशनभोगियों और फैमिली पेंशनभोगियों को शामिल किया जाए।
*पुरानी पेंशन को "अनफंडेड कॉस्ट/बोझ" कहने वाले वाक्यांश को हटाया जाए।
*बेसिक पे और पेंशन पर तुरंत 20% अंतरिम राहत दी जाए।
*-15 साल के बजाय 11 साल बाद कम्यूटेड पेंशन बहाल की जाए।
*सेवानिवृत्ति के बाद हर पांच साल में 5% अतिरिक्त पेंशन दी जाए।
* पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की जाय।
* EPS-95 पेंशनर्स को न्यूनतम पेंशन 9000/-+महंगाई भत्ता तथा चिकित्सा सुविधा दिया जाय।
* One Rank One Pension (OROP)जो रक्षा कर्मियों के लिए है उसे केन्द्र सरकार के सभी रिटायर्ड के केस में लागू किया जाए ।
* चिकित्सा सुविधा बढ़ती उम्र में कैशलेस और बेहतर की जाय तथा FMA 5000/-प्रति माह की जाय।
* रेलवे रियायत जो वरिष्ठ नागरिकों की बंद की गई उसे पुनः बहाल किया जाय।
साथियों,अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए केवल भावनाएं काफी नहीं हैं, रणनीति भी जरूरी है। हमें अलग- अलग लड़ने के बजाय स्थानीय पेंशनर्स एसोसिएशन और राष्ट्रीय महासंघों जैसे "भारत पेंशनर्स समाज" से अविलंब जुड़ना चाहिए क्योंकि "एकता में ही बल है।"
साथ ही आज के दौर में सोशल मीडिया (Twitter/X, Facebook, WhatsApp) सबसे बड़ा हथियार है। अपनी मांगों को #Hashtags के साथ ट्रेंड करवाएं।
पेंशन कोई 'भीख' या 'उपहार' नहीं है, यह आपके जीवन भर की मेहनत और सेवा के बदले मिलने वाला अधिकार है। समाज को यह याद दिलाने का समय आ गया है कि बुजुर्गों का सम्मान केवल बातों में नहीं, बल्कि उन्हें आर्थिक सुरक्षा देने में है।

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