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टीईटी पेपर लीक के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह गिरफ्तार, 16 लाख का माल जप्त SIT जांच की मांग।”

कोल्हापुर ग्रामीण पुलिस ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का पेपर लीक करने के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। परीक्षा से पहले सवालपत्र की ज़ेरॉक्स कॉपी देने का लालच दिखाकर छात्रों से पैसे और मूल शैक्षणिक दस्तावेज़ लेने वाले सात लोगों को पुलिस ने पकड़ा, जबकि इस कार्रवाई में 16 लाख रुपये से अधिक का सामान जप्त किया गया है।
परीक्षा से एक दिन पहले रची गई थी साजिश
टीईटी परीक्षा 23 नवंबर को होने वाली थी। परीक्षा से एक दिन पहले कुछ उम्मीदवारों को सोनगे, तालुका कागल में बुलाया गया। आरोपियों ने उन्हें कहा कि वे असली पेपर की ज़ेरॉक्स कॉपी दे सकते हैं। इसके बदले उन्होंने उम्मीदवारों से मूल शैक्षणिक दस्तावेज़ और पैसे मांगे।
इसी दौरान पुलिस को इसकी गुप्त जानकारी मिली। पुलिस अधीक्षक योगेशकुमार साओ ने विशेष टीम को छापेमारी का आदेश दिया।
फर्निचर मॉल में छापा, सात गिरफ्तार
स्थानीय गुन्हे शाखा और मुरगुड पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए शिवकृपा फर्निचर मॉल (सोनगे, कागल) पर छापा मारा।
यहां से दत्तात्रय चव्हाण, गुरुनाथ चौगुले, अक्षय कुंभार, किरण बरकले, नागेश शेंडगे सहित कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में सामने आया कि यह सभी लोग राहुल अनिल पाटील नाम के व्यक्ति के लिए काम कर रहे थे, जो कथित तौर पर पेपर वितरण की भूमिका निभा रहा था।
मुख्य साजिशकर्ता भी गिरफ्तार
आगे की छानबीन में पुलिस ने राहुल पाटील और उसके साथी दयानंद साळवी को भी मुधळ तिट्टा (कागल) से गिरफ्तार किया।
राहुल ने स्वीकार किया कि उसे सातारा के महेश गायकवाड नामक व्यक्ति से टीईटी पेपर मिलने वाला था और उसका काम छात्रों को पेपर की कथित कॉपी देना था। इसके बदले वह हर उम्मीदवार से करीब तीन लाख रुपये वसूलता था।
पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े कोल्हापुर और कराड के कई अन्य साथियों को भी ताबे में लिया है।
क्या पुलिस को टीईटी पेपर मिला?
मुरगुड पुलिस के अनुसार, छापे के दौरान टीईटी का कोई भी पेपर नहीं मिला।
पुलिस ने सिर्फ छात्रों के दस्तावेज़, मोबाइल फोन, प्रिंटर, कार और अन्य सामान बरामद किया है।
परीक्षा परिषद ने पेपर लीक को नकारा
महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ. नंदकुमार बेडसे ने स्पष्ट किया कि ।
टीईटी पेपर की सुरक्षा प्रणाली बेहद कड़ी है
पेपर जिल्हा कोषागार में 24 घंटे सुरक्षा में रखा जाता है
परीक्षा के दिन ही पेपर वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ केंद्रों तक भेजा जाता है
इसलिए किसी भी तरह की पेपर लीक की घटना नहीं हुई है।
एसआईटी जांच की मांग
युवा शैक्षणिक व सामाजिक न्याय संगठन ने इस पूरे प्रकरण की एसआईटी जांच की मांग की है। संगठन का कहना है कि ऐसी घटनाओं से परीक्षाओं पर से छात्रों का भरोसा कम होता है, इसलिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।

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