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उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से संस्कृत अकादमी सभागार में श्रीगुरु तेगबहादुर के 350वे बलिदान दिवस पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी


हरिद्वार, संवाददाता रोहित वर्मा की रिपोर्ट -
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से संस्कृत अकादमी सभागार में श्रीगुरु तेगबहादुर के 350वे बलिदान दिवस पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि संस्कृत शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि गुरु तेगबहादुर का संदेश हमें यह बताता है कि धर्म केवल पूजा पद्धति नहीं है, वह मनुष्य की स्वतंत्रता, सम्मान और गरिमा का आधार है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि गुरुजी के जीवन में उनका बलिदान भी विशेष रहा है। उनका बलिदान किसी एक धर्म अथवा समुदाय के लिए नहीं हुआ था। उन्होंने अपने धर्म के लिए नहीं बल्कि दूसरों के धर्म और अधिकारों की रक्षा के लिए अपना शीश समर्पित कर दिया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा स्वास्थ्य और कृषि किसी भी क्षेत्र में कोई कमी नहीं की है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। नई शिक्षा नीति में हमें युवा पीढ़ी को बताना होगा कि हमारे महापुरूषों ने अपने जीवन में क्या-क्या कार्य किया है। इसी परिपेक्ष में आज हम हिंद की चादर जिनको की भारत में एक महान उपाधि दी गई है, श्रीगुरु तेगबहादुर के 350वें शहीद दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। आप सबको पता है कि गुरु तेग बहादुर का जीवन त्याग तपस्या सत्य साहस का वह ध्रुव तारा था, जिसकी रोशनी में सदियों से भारतीय सभ्यता आज भी उदय है। विशिष्ट अतिथि गुरुद्वारा श्रीहेमकुंट साहब समिति ऋषिकेश के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि जो हमारे गुरुओं की शहादते है वो सिर्फ हमारे दिलों में ही ना रहे। यह एक एक व्यक्ति को पता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर सिखों के ही नहीं, पूरी कयामत के गुरु है, और उनकी शहादत सबके लिए थी। कार्यक्रम में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिंडा के कुलाधिपति जगबीर सिंह, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. राजेश लाल मेहरा, आईसीएचआर नई दिल्ली के सहायक निदेशक डॉ. नितिन कुमार ने गुरु तेगबहादुर की शहादत को याद करते हुए युवा पीढ़ी को इससे प्रेरणा लेने के लिए कहा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय में संचालित शोधपीठों के विषय में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि गुरु तेगबहादुर का 350वा बलिदान दिवस कार्यक्रम गुरु गोविंद सिंह शोधपीठ के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है। गुरु गोविंद सिंह शोध पीठ द्वारा दो पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है जबकि तीसरी पुस्तक का विमोचन आज राज्यपाल द्वारा किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुल सचिव दिनेश राणा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डॉ. प्रकाश पंत ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर डॉ. अजय परमार, अकादमी के सचिव प्रो. मनोज किशोर पंत, प्रोफेसर दिनेश चंद्र चमोला, डॉ. राम रतन खंडेलवाल, डॉ. लक्ष्मी नारायण जोशी, डॉ.अरविंद नारायण मिश्र, डॉक्टर श्वेता अवस्थी, डॉ. बिंदुमती द्विवेदी, डॉ. मीनाक्षी रावत, डॉ. सुमन भट्ट, डॉ. विनय सेठी, विश्वविद्यालय के अस्सिटेंट रजिस्टार संदीप, डॉ अनूप बहुखंडी, डॉ ललित शर्मा सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी व छात्र मौजूद रहे।

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