राजमहल परियोजना को अपना सारा जमीन देने वाले गांव हिजूकिता का स्थिति गुलामों जैसा इसीएल के अधिकारी अंग्रेजों जैसा सलूक एवं व्यवहार करते हैं।
राजमहल परियोजना को अपना सारा जमीन देने वाले गांव हिजूकिता का स्थिति आज भयावक हो चुकी है इस गांव के लोगों ने राजमहल परियोजना को अपना सारा जमीन तो दे दिया लेकिन उसके आवाज में ईसीएल राजमहल परियोजना द्वारा ग्रामीणों को किसी भी प्रकार का सुविधा नहीं दिया गया है सुविधा के नाम पर कभी-कभी जलने वाली बिजली लेकिन ना यहां खेल का मैदान है नहा शमशान घाट है ना यहां पोखर है ना यहां सामुदायिक भवन है ना यहां विवाह भवन है ना यहां गोल मंडली है ना यहां किसी भी तरह का सरकारी योजनाओं का शिलान्यास होता है यह बहुत ही दैन्य विषय है कि हिजूकिता गांव ने अपना जमीन देकर राजमहल परियोजना का नींव रखा और राजमहल परियोजना के हर विकास कार्य में यहां के लोगों ने हमेशा सहयोग किया आज उसी गांव की स्थिति इतनी ही दैन्य हो चुकी है कि ना राज्य सरकार इस गांव के लोगों को मदद करती है ना केंद्र सरकार यहां के लोगों को मदद करती है ना यहां के किसी भी प्रतिनिधि द्वारा यहां के लोगों की सुदी ली जाती है। राजमहल परियोजना के अधिकारी यहां से मुंह मोड़ चुके हैं यहां का जमीन का अपना जितना भी काम है उन्होंने दूसरे गांव को दे दिया लेकिन यहां के लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है यहां के लोगों का जमीन हक अधिकार लूटा जा रहा है यहां के वन्य संपदा को नष्ट किया जा रहा है।