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"भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल में दो-दिवसीय निशुल्क पुस्तक मेले का सफल समापन"

जयहरीखाल संबाददाता कमल उनियाल

150 से अधिक प्रतिभागी, 1000 पुस्तकों का वितरण—ज्ञान, संस्कृति और सहयोग का संगम

जयहरीखाल, पौड़ी गढ़वाल, 21 नवंबर 2025: भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल में दो दिवसीय निशुल्क पुस्तक मेले का भव्य समापन हुआ। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी के स्टडी सेंटर द्वारा 20–21 नवंबर 2025 तक आयोजित इस पुस्तक मेले में शिक्षकों, विद्यार्थियों और स्थानीय लोगों सहित 150 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मेले में लगभग 1000 पुस्तकों का निःशुल्क वितरण किया गया, जिससे क्षेत्र के शिक्षा प्रेमियों में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार देखा गया।

ज्ञान और संस्कृति का महोत्सव—प्राचार्य डॉ. राजवंशी

समापन अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. लवनी आर. राजवंशी ने कहा—
“यह पुस्तक मेला केवल पुस्तकों का आयोजन नहीं, बल्कि ज्ञान, संस्कृति और सामाजिक जुड़ाव का महोत्सव था। हमारे लिए यह गौरव का विषय है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने इस आयोजन को सफल बनाया। हम इस पहल को प्रत्येक वर्ष आयोजित करने का संकल्प लेते हैं।”

स्थानीय लोगों ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया

पुस्तक मेले को लेकर स्थानीय निवासियों में भी खासा उत्साह देखा गया। ग्राम निवासिनी प्रभा देवी ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा—
“हमारे बच्चों के लिए ऐसी पहल किसी वरदान से कम नहीं है। पुस्तकें हर बच्चे के जीवन को बदल सकती हैं, और हम इस अद्भुत पहल के लिए कॉलेज प्रशासन तथा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त करते हैं।”

स्टडी सेंटर समन्वयक का वक्तव्य

पुस्तक मेले के आयोजन में केंद्रीय भूमिका निभाने वाली स्टडी सेंटर समन्वयक डॉ. प्रीति रावत ने कहा—
“दो दिनों तक चले इस निशुल्क पुस्तक मेले ने जयहरीखाल के शैक्षणिक व सांस्कृतिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव का संदेश दिया है। हम उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी से आग्रह करेंगे कि इस कार्यक्रम को प्रतिवर्ष आयोजित करने की अनुमति प्रदान की जाए।”

सहायक क्षेत्रीय निदेशक पंकज कुमार की उपस्थिति

समापन समारोह में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, पौड़ी के सहायक क्षेत्रीय निदेशक श्री पंकज कुमार ने भी प्रतिभाग किया। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों को अधिकाधिक ज्ञान अर्जित करने और इस अवसर का पूरा लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम में सहयोग देने वालों को धन्यवाद

उक्त आयोजन को सफल बनाने में महाविद्यालय के विभिन्न शिक्षकों और कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। समापन अवसर पर सहायक समन्वयक डॉ. वी. के. सैनी, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. एस. पी. मधवाल, डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान, डॉ. वरुण कुमार, डॉ. डी. सी. मिश्रा, डॉ. श्रद्धा भारती, कार्यालय सहायक बालकृष्ण नेगी, तथा सहयोगी श्री मुकेश कुमार, श्री रूप सिंह और श्री धर्मेंद्र कुमार सहित महाविद्यालय प्रशासन को विशेष रूप से धन्यवाद दिया गया।

ज्ञान-वितरण की अनोखी पहल

निशुल्क पुस्तक मेले ने न केवल विद्यार्थियों को नए ज्ञान से जोड़ा, बल्कि समाज में पढ़ने की संस्कृति और शिक्षा के महत्व का संदेश भी दिया। स्थानीय क्षेत्र में आयोजित ऐसे आयोजनों से शिक्षा का विस्तार और ग्रामीण क्षेत्रों में पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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