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पशु की मौत और इलाज में लापरवाही: अमेठी से लखनऊ निदेशालय भेजी गई उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश

पशु की मौत और इलाज में लापरवाही: अमेठी से लखनऊ निदेशालय भेजी गई उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश
लखनऊ/अमेठी, उत्तर प्रदेश (20 नवंबर, 2025) - एक पालतू कुतिया के इलाज और मृत्यु से संबंधित एक शिकायत की जांच में क्षेत्रीय सीमाओं के कारण गतिरोध आने के बाद, अमेठी के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने मामले को उच्च स्तरीय जांच के लिए निदेशालय भेजने की संस्तुति की है । शिकायतकर्ता, प्रतापगढ़ निवासी सिंह अनुपसिट ने डॉक्टर पर लापरवाही और जाँच में टालमटोल करने का आरोप लगाया है ।
क्या है पूरा मामला?
घटना: शिकायतकर्ता सिंह अनुपसिट ने अपनी कुतिया का इलाज रायबरेली स्थित एनिमल केयर सेन्टर एवं वेटेरिनरी क्लीनिक, इन्दिरा नगर के डॉ. अम्बर मिश्रा के यहाँ 13.08.2025 को शुरू कराया था ।
परिणाम: इलाज के दौरान 20.08.2025 को कुतिया की मौत हो गई ।
विवाद: इसके बाद शेष बची दवा वापस करने को लेकर डॉक्टर साहब से विवाद हुआ ।
शिकायत: प्रार्थी ने 29.08.2025 को मुख्यमंत्री पोर्टल (IGRS सं०- 60000250204927) पर शिकायत दर्ज कराई थी ।
जाँच में आया गतिरोध मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, अमेठी के आदेश पर डॉ. मनीष सचान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी ।
जाँच का निष्कर्ष: कमेटी ने 14.10.2025 को प्रेषित पत्र में यह निष्कर्ष दिया कि प्रकरण दो अलग-अलग जनपद/मण्डल (रायबरेली और अमेठी/प्रतापगढ़) से संबंधित है ।
अक्षमता: कमेटी ने स्पष्ट किया कि वर्तमान जाँच टीम अन्य जनपद/मण्डल में जाकर जाँच करने में सक्षम नहीं है ।
उच्च स्तरीय जाँच की मांग: कमेटी ने एनिमल केयर सेंटर रायबरेली के चिकित्सीय अभिलेखों और डॉ. अम्बर मिश्रा द्वारा 'कॉल पर अपनी सेवायें देने' की विस्तृत जाँच हेतु निदेशालय स्तर के अधिकारी से जाँच कराए जाने की संस्तुति की है ।

शिकायतकर्ता के गंभीर आरोप
प्रार्थी ने अधिकारियों पर जानबूझकर मामले के निस्तारण में टालमटोल करने का आरोप लगाया है ।


जवाब को अप्राप्त दिखाना: कमेटी ने 16.09.2025 को प्रार्थी को प्रश्नावली भेजकर जवाब मांगा , जिसका जवाब प्रार्थी ने 26.09.2025 को डाक द्वारा भेज दिया था । हालांकि, जाँच कमेटी द्वारा 27.09.2025 को प्रश्नावली का जवाब अप्राप्त दिखाकर शिकायत को निस्तारित कर दिया गया ।

प्रभाव का आरोप: शिकायतकर्ता का कहना है कि डॉ. अम्बर मिश्रा के अनुचित प्रभाव की वजह से जाँच में ढील बरती जा रही है ।
प्रार्थी ने अब मुख्यमंत्री महोदय, उ०प्र० शासन, लखनऊ से समुचित जाँच कराकर आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने का निवेदन किया है ।

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