
डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर करीब पाँच करोड़ रुपये हड़प लिए
पुणे: सूत्र
पुणे में साइबर अपराधियों ने एक रिटायर्ड महिला प्रोफेसर और एक बुजुर्ग दंपति को “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाकर करीब पाँच करोड़ रुपये हड़प लिए। गिरोह ने खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ितों को यह यकीन दिलाया कि उनके बैंक खातों से जुड़े गंभीर अपराधों की जांच चल रही है और उन्हें तुरंत पैसा एक “सुरक्षित खाते” में ट्रांसफर करना होगा।
पीड़ितों को घंटों वीडियो कॉल पर रखा गया, धमकाया गया और मानसिक दबाव बनाया गया। डर और भ्रम की हालत में उन्होंने अपने जीवनभर की जमा पूँजी ठगों को सौंप दी। पुलिस इस मामले की जांच साइबर सेल के साथ मिलकर कर रही है।
इस घटना ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि साइबर अपराध पहले से ज्यादा चालाक और खतरनाक होते जा रहे हैं। अधिकारी लोगों से लगातार सावधान रहने की अपील कर रहे हैं। किसी भी अजनबी कॉल, सरकारी एजेंसी होने के दावे या खाते सील करने की धमकी पर तुरंत भरोसा न करें।
पुलिस का कहना है कि किसी भी एजेंसी द्वारा फोन पर डिजिटल अरेस्ट, पैसे जमा करवाने या वेरिफिकेशन के नाम पर रकम मांगने की प्रक्रिया बिल्कुल मान्य नहीं है। नागरिकों को ऐसे मामलों में तुरंत हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाने से संपर्क करना चाहिए।
अगर चाहें तो मैं इसे टीवी एंकर स्क्रिप्ट या छोटे वीडियो न्यूज फॉर्मेट में भी तैयार कर सकता हूँ।
राईट हेडलाईन्स ब्युरो