
ओदारी ग्राम पंचायत ?: कर्मचारियों की मनमानी से पंचायत भवन बंद, ?ग्रामीण सरकारी योजनाओं से वंचित"?
ग्राम पंचायत ओदारी: भ्रष्टाचार ! जनता त्रस्त, तानाशाही चरम पर; सचिव-सरपंच की निरंकुश मनमानी से विकास ध्वस्त
ओदारी /कोरिया जिला –
ग्राम पंचायत ओदारी , जिसे आदर्श ग्राम बनने का स्वप्न देखना चाहिए था, आज प्रशासनिक अराजकता और भ्रष्टाचार की दुर्गंध से सराबोर है।?
पंचायत के जिम्मेदार पदधारकों – सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक – ने गाँव की जनता को उनके हाल पर तड़पने के लिए छोड़ दिया है,?
और वे स्वयं अवैध लाभ और निरंकुश मनमानी की दलदल में गहरे धँस चुके हैं। ?
🚨 दुर्दशा का वीभत्स नज़ारा: ?
गाँव की स्थिति इतनी भयानक है कि उसे शब्दों में बयाँ करना भी शर्मनाक है। ?
* तालाबंदी का षड्यंत्र:? पंचायत कार्यालय बंद रहता है।?
यह दिखाता है कि इन अयोग्य पदाधिकारियों को जनता के प्रति जवाबदेही का रत्ती भर भी एहसास नहीं है।?
सरकारी धन से चलने वाला कार्यालय आज शोपीस बनकर रह गया है, जहाँ ग्रामीण अपनी जीवन-मरण की समस्याओं के लिए भी भटकने को मजबूर हैं। ?
* विकास नहीं, विनाश की राह:? गाँव में पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का अकाल पड़ा है। ?
यह कैसी अद्भुत (विस्मयकारी नकारात्मकता में) व्यवस्था है जहाँ विकास कार्यों पर खर्च होने वाला पैसा सरकारी खातों से निकल रहा है, ??
* मौत का बुलावा देती खुली नालियाँ: गाँव की नालियों की स्थिति अत्यंत निंदनीय है। उन पर ढक्कन न होने से
मनमानी और तानाशाही:?
सूत्रों के अनुसार, सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक एक अपवित्र गठजोड़ बनाकर काम कर रहे हैं। ?
वे जनता के सेवक नहीं, बल्कि स्वयं-घोषित शासक बन बैठे हैं।?
ओदारी ग्राम पंचायत आज सरकारी उपेक्षा और अधिकारियों की मनमानी का एक जीता जागता भयावह उदाहरण बन चुका है। ?
क्या प्रशासन इस भयंकर स्थिति पर जागेगा, या ओदारी की जनता इसी तरह तड़पती रहेगी?
यह एक यक्ष प्रश्न है।?
विकास की राह में रोड़ा: अधिकारियों की लापरवाही ने पंचायत भवन पर जड़ दिया ताला, ग्रामीणों को भटकना पड़ रहा दूर-दूर"?
ग्राम पंचायत ओदारी
खबर/जन जन की आवाज