logo

ग्राम पंचायत मेन्डा की जल-विभीषिका ?: आश्रित ग्राम भलुआर ? एक साल से सूखा पड़ा हैंडपंप: ?शैक्षणिक परिसर के सामने जल संकट का भयानक मंजर, ?

🚨 ग्राम पंचायत मेन्डा की जल-विभीषिका ?: भलुआर का त्रासद हाहाकार! 🚨
स्कूल के पास एक साल से ' बनकर खड़ा हैंडपंप! शासन-प्रशासन की संवेदनहीनता का प्रदर्शन! ?
मेन्डा/भलुआर: ।
यह विकास के दावों के चेहरे पर जघन्य है!?
हम बात कर रहे हैं।?
ग्राम पंचायत मेन्डा के आश्रित ग्राम भलुआर की, इस धरती पर इंसान नहीं, बल्कि सरकारी उपेक्षा की विभीषिका साँस ले रही है। ?
⚠️ भीषण जल संकट: ?
बच्चों की प्यास, प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद ?
भलुआर के स्कूल के ठीक पास लगा नल का हैंडपंप, पिछले पूरे एक वर्ष से नहीं, बल्कि पूरे 365 दिन से, पानी की एक बूँद के लिए भी तरसते हुए बच्चों और ग्रामवासियों को चीख-चीखकर श्राप दे रहा है। ?
* जवाबदारी का शून्य: प्रश्न यह है कि कौन है इस अकल्पनीय कष्ट का जिम्मेदार?
इस घोर त्रासदी पर पर्दा डालने वाला कौन है?
* भूखे-प्यासे की पीड़ा: तपती धूप में, स्कूल के मासूम बच्चे, बुज़ुर्ग और आम जनता एक-एक घूँट पानी के लिए भटकने को मजबूर हैं। ?
यह केवल पानी की कमी नहीं है, यह मानवता का वध है!
* शासन का अमानवीय रवैया: क्या शासन-प्रशासन के अधिकारियों के लिए भलुआर की जनता इंसान नहीं है? क्या उनका पत्थर दिल इस त्रासद दृश्य को देखकर भी नहीं पिघलता?
उनकी घोर लापरवाही और संवेदनहीनता अब चरम सीमा पार कर चुकी है। ?
जनता पानी के लिए भयानक अद्भुत कठिन संघर्ष कर रही है, ?
और ये कर्तव्य विमुख अधिकारी कुम्भकर्णी नींद में सोए हैं! ?
💥?
हम, इस क्षेत्र के नागरिकों की ओर से, इस जघन्य उदासीनता और की अभूतपूर्व निंदा करते हैं! ?
क्या प्रशासन अपनी नींद तब तोड़ेगा जब कोई प्यास से दम तोड़ देगा?
तत्काल मांग ?
हम माँग करते हैं कि शासन-प्रशासन एक घंटे के भीतर इस मामले का संज्ञान ले और पर हैंडपंप को ठीक करे?
जहां ज्ञान का मंदिर है, ठीक उसके सामने जीवनदायिनी जल का स्रोत पिछले पूरे एक साल से दम तोड़ रहा है। ?
हम बात कर रहे हैं स्थानीय स्कूल के सामने लगे उस हैंडपंप की, जो अब केवल एक जंग लगा ढांचा बनकर रह गया है, और जिसकी मरम्मत की गुहार लगाने के बावजूद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) ने निर्मम चुप्पी साध रखी है।
ग्राम पंचायत मेन्डा
आश्रित ग्राम भलुआर
खबर/जन जन की आवाज

0
35 views