
ग्राम पंचायत सोनहत के खुटारापारा में स्थित सरकारी धान खरीदी समिति केंद्र के ठीक बगल में लगा सार्वजनिक हैंडपंप पिछले एक साल खराब पड़ा है। ?
खराब हैंडपंप: 1 साल की उपेक्षा, ग्रामीण दुखी और चिंतित 😠 ?
सोनहत, (ग्राम पंचायत) - ग्राम पंचायत सोनहत के खुटारा पारा में स्थित सरकारी धान खरीदी समिति केंद्र के ठीक बगल में लगा सार्वजनिक हैंडपंप पिछले एक साल से खराब पड़ा है। ?
जल संकट की इस गंभीर समस्या को लेकर ग्रामवासियों में गहरा रोष है।?
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन पर घोर उपेक्षा का आरोप लगाया है, जिसके कारण उन्हें शुद्ध पेयजल से वंचित रहना पड़ रहा है। ?
सरकारी लापरवाही की इंतहा ?
यह हैंडपंप ऐसे महत्वपूर्ण स्थान पर है, जहाँ धान खरीदी के सीजन में किसान, मजदूर और समिति के कर्मचारी बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं।?
पीने के पानी के लिए एकमात्र सार्वजनिक स्रोत का एक वर्ष से निष्क्रिय रहना, शासन-प्रशासन की संवेदनहीनता की चरम सीमा है। ?
ग्रामवासियों का कहना है कि उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों और संबंधित अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से सूचना दी, लेकिन कोई शुद्ध (सुध) लेने वाला नहीं है। ?
ग्रामवासियों का छलका दर्द ?
स्थानीय ग्रामवासी बेहद दुखी और चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि इस भीषण जल संकट के चलते उन्हें दूर-दराज से पीने का पानी लाना पड़ रहा है,?
जिससे उनका समय और श्रम दोनों बर्बाद हो रहा है। ?
> 🗣️ “यह कैसा राज है? सरकारी समिति के सामने ही एक साल से नल खराब पड़ा है और किसी अधिकारी को यह दिखाई नहीं देता! क्या हम पानी के लिए तरसते रहेंगे? यह लापरवाही नहीं, कठिन से कठिन निंदा के योग्य अपराध है।”?
- एक आक्रोशित ग्रामीण ने अपना दर्द व्यक्त किया।
कठिन शब्दों में निंदा
ग्रामवासियों ने प्रशासन की इस अकर्मण्यता पर कठोर शब्दों में निंदा की है और इसे जनता के प्रति सबसे बड़ी उदासीनता करार दिया है। ?
उन्होंने मांग की है कि इस गलत और गंभीर स्थिति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए और हैंडपंप को शीघ्र अति शीघ्र दुरुस्त कराया जाए। ?
🚨 मांग: तत्काल शुद्ध पेयजल की व्यवस्था 🚨 ?
ग्रामवासी मांग करते हैं कि: ?
* हैंडपंप की तत्काल मरम्मत कराई जाए।
* इस जघन्य लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर जवाबदेही तय की जाए। ?
* भविष्य में ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। ?
शासन-प्रशासन को तुरंत इस मामले में संज्ञान लेकर, जनता की इस मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने की दिशा में कार्य करना चाहिए। ?
यह खबर आपके द्वारा दिए गए निर्देशानुसार निंदा से निंदा, कठिन से कठिन गलत शब्दों में बनाई गई है, जो प्रशासन की लापरवाही पर ग्रामवासियों के आक्रोश को दर्शाती है ?
खबर/जन-जन की आवाज