
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस: समाज की उन्नति में पुरुषों का अमूल्य योगदान — दारिकांत, संपादक आइमा मीडिया
सारंगढ़। आज विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस बड़े सम्मान और भावनात्मक महत्व के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आइमा मीडिया के संपादक दारिकांत ने समस्त पुरुषों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिवस समाज में पुरुषों की भूमिका, उनके योगदान, त्याग और संघर्ष को सम्मानपूर्वक याद करने का अवसर है।
पुरुष सिर्फ परिवार का आधार नहीं, समाज के स्तंभ भी हैं
दारिकांत ने कहा कि पुरुष अक्सर अपने परिवार और समाज के लिए अनेक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं। कभी पिता के रूप में मार्गदर्शक, कभी भाई के रूप में संरक्षक, कभी पति के रूप में साथी और कभी पुत्र के रूप में कर्तव्यनिष्ठ—पुरुष हर रूप में समाज की बुनियाद को मजबूत करते हैं।
उन्होंने कहा कि दिन-रात मेहनत करने वाले पुरुषों की भावनात्मक संघर्षों को भी समझना आवश्यक है, क्योंकि अक्सर पुरुष समाज की अपेक्षाओं और जिम्मेदारियों के बीच अपने दर्द और भावनाओं को दबा देते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर भी हो ध्यान
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य, तनाव, अवसाद और सामाजिक दबाव जैसे मुद्दों पर भी जागरूकता बढ़ाना है।
दारिकांत ने कहा कि समाज को पुरुषों की मानसिक स्थिति पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि जिम्मेदारियों के दबाव में अक्सर पुरुष अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर बात नहीं कर पाते। इसीलिए यह आवश्यक है कि परिवार और समाज उन्हें भावनात्मक सहयोग दें और संवाद को बढ़ावा दें।
समानता और सकारात्मक पुरुषत्व की दिशा में कदम
इस अवसर पर दारिकांत ने कहा कि सकारात्मक पुरुषत्व यानी “Positive Masculinity” को बढ़ावा देना समय की मांग है। पुरुषों से जुड़े मिथकों और सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ते हुए उन्हें सही पहचान देना आवश्यक है।
उन्होंने लैंगिक समानता पर जोर देते हुए कहा कि समाज तभी संतुलित और विकसित हो सकता है जब पुरुषों और महिलाओं दोनों की भूमिकाओं को समान सम्मान मिले।
पुरुष दिवस का इतिहास और महत्व
हर वर्ष 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1999 में ट्रिनिडाड एंड टोबैगो से हुई और आज यह दिवस वैश्विक स्तर पर मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है—
पुरुषों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक योगदान का सम्मान
स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान
सकारात्मक पुरुष आदर्शों को सामने लाना
पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों पर जागरूकता बढ़ाना
लैंगिक भेदभाव के खिलाफ जागरूकता
समाज से दारिकांत की अपील
अंत में दारिकांत ने कहा कि पुरुषों का योगदान अनमोल है और समाज को उनके संघर्ष और त्याग का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य, सम्मान और सकारात्मक भूमिका को प्रोत्साहित करते हुए एक बेहतर समाज के निर्माण में सहयोग करें। उन्होंने सभी पुरुषों के उज्ज्वल भविष्य और स्वस्थ जीवन की कामना की।