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मेला संस्कृति ही भोपाल की पहचान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव

मेला संस्कृति ही भोपाल की पहचान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री जी ने किया भोपाल उत्सव मेले का शुभारंभ

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भोपाल और मेले एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। शहर में जहां भी नज़र डालें, मेलों की जीवंतता दिखाई देती है। इसी कारण भोपाल को मेला संस्कृति की दृष्टि से देश के श्रेष्ठ शहरों में स्थान प्राप्त है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मेला संस्कृति, प्रदेश की अर्थव्यवस्था तथा सामाजिक समरसता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे आयोजन स्थानीय कलाकारों, कारीगरों और उद्यमियों के हुनर को मंच प्रदान करते हैं और उन्हें नई पहचान दिलाते हैं। उन्होंने कहा कि ये मेले न केवल शहर की पहचान को मजबूत करते हैं, बल्कि स्थानीय समाज, परंपराओं और सामुदायिक संबंधों को भी जीवित रखते हैं।

मुख्यमंत्री जी ने मंगलवार शाम टी.टी. नगर स्थित दशहरा मैदान में आयोजित 33वें भोपाल उत्सव मेले का दीप प्रज्ज्वलन, गणेश पूजा एवं फीता काटकर विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने आयोजन समिति को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि यह मेला इस वर्ष भी व्यापार, मनोरंजन और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनेगा।

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