उपनल
के इतिहास में आपका बलिदान,संघर्ष,त्याग हमेशा याद किए जाएंगे
देहरादून : उत्तराखंड मैं 9 नवंबर को रजत बनाई गई और एक तरफ उपनल कर्मियों ने सड़कों में बैठे कर अपने प्राण दिए और पिछले कई सालों से विभागों में सेवा भी दी होगी , क्या यही दिन देखने के लिए उत्तराखंड के लोगों ने उत्तराखंड राज्य की मांग की थी, एक तरफ सरकार करोड रुपए अपने ज्ञापन में खर्च कर रही है और दूसरी तरफ बेरोजगार भाई और बहन सड़कों में घूम रहे हैं सिर्फ अपना समान वेतन समान कार्य के लिए समान वेतन के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट से और हाई कोर्ट से भी हरी झंडी दे दी गई है।
उत्तराखंड और उपनल के इतिहास में स्वर्गीय नीलम डोभाल जी , स्वर्गीय सुरेंद्र कुमार जी को शहीद का दर्जा दिया जाएगा जिन्होंने उपनल कर्मियों के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया।