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डीएम ने चार परिषदीय विद्यालयों का किया औचक निरीक्षण, मचा हड़कंप

डीएम ने चार परिषदीय विद्यालयों का किया औचक निरीक्षण, मचा हड़कंप

मुड़ियाखेड़ा में किताबें स्टोर में बंद, शौचालय में मिलने पर प्रधान को 95-जी नोटिस, दो स्कूलों में उपस्थिति का सच आया सामने, मिड-डे मील में दोहरी कटौती के निर्देश

लखीमपुर खीरी, 18 नवंबर।
जिले में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल एक बार फिर फील्ड पर उतर आईं। मंगलवार को उन्होंने विकास क्षेत्र लखीमपुर स्थित यूपीएस व पीएस मुड़ियाखेड़ा, यूपीएस बाजपेई और चंदपुरा के परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान लापरवाही देखकर डीएम ने अफसरों सहित शिक्षकों को कड़ी फटकार लगाई। इस दौरान डीपीआरओ विशाल सिंह, बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी और डीपीओ भारत प्रसाद भी साथ रहे।


मुड़ियाखेड़ा : किताबें स्टोर में बंद, शत-प्रतिशत वितरण नहीं, शौचालय गंदे

यूपीएस मुड़ियाखेड़ा में डीएम को बड़ी मात्रा में पाठ्य पुस्तकें स्टोर में बंद मिलीं। गिनती कराने पर साफ हुआ कि पुस्तकों का 100% वितरण नहीं किया गया था। इस पर डीएम ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए विद्यालय के सभी शिक्षकों से स्पष्टीकरण तलब किया। इसके अलावा शौचालयों में गंदगी, टूटी टाइलें और रनिंग वाटर सप्लाई न होने पर भी डीएम ने नाराजगी जताई। मिड-डे मील की गुणवत्ता परखने के दौरान खामियां सामने आने पर प्रधान को 95-जी का नोटिस जारी करते हुए प्रधानाध्यापक से जवाब तलब किया गया। पीएस मुड़ियाखेड़ा में भी शौचालय में पानी न मिलने पर डीएम ने कड़ा रुख अपनाया। बच्चों से पाठ पढ़वाकर उन्होंने उनकी रीडिंग स्किल का परीक्षण किया।

यूपीएस बाजपेई : उपस्थिति पंजिका और हाजिरी में 12 बच्चों का अंतर

यूपीएस बाजपेई में डीएम ने बच्चों की फिजिकल काउंटिंग कराई। उपस्थिति पंजिका से 12 बच्चों का अंतर सामने आया।
संतोषजनक जवाब न देने पर डीएम ने संबंधित शिक्षकों को फटकार लगाई और निर्देश दिया कि इन 12 बच्चों के मध्याह्न भोजन की दोगुनी कटौती की जाए।

यहाँ उन्होंने कक्षा 7 की एक छात्रा की रीडिंग स्किल चेक की और स्मार्ट बोर्ड की कार्यप्रणाली को भी परखा।

चंदपुरा : पढ़ाई का स्तर परखा, 5 बच्चों की गिनती में अंतर

चंदपुरा विद्यालय में डीएम ने बच्चों की किताबें लेकर सवाल पूछे और शैक्षिक गुणवत्ता का आकलन किया।
यहाँ गिनती में 5 बच्चों की संख्या अधिक दर्ज मिली। डीएम ने गहन पूछताछ करते हुए निर्देश दिए कि शिक्षक घर-घर जाकर वास्तविक उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। निरीक्षण के बाद डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने स्पष्ट कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता, बच्चों की सुरक्षा और उनकी मूलभूत सुविधाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसा होने पर संबंधितों पर कठोर कार्रवाई निश्चित है।

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