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महिला संकुल मे घोटाले का तांडव , पूर्व नोडल पर अनियमितताओं के गंभीर आरोप

डिंडौरी — मध्यप्रदेश दीनदयाल अंत्योदय योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित संकुल स्तरीय महिला आजीविका बहुप्रयोजन सहकारी संघ मर्यादित बटौंधा में गंभीर अनियमितताओं का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। विगत दिवस संकुल की नव-चयनित पदाधिकारियों द्वारा कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन ने पूरे मामले की परतें खोल दी हैं, जिसमें पूर्व नोडल अधिकारी दिनेश तिवारी पर दस्तावेज छिपाने से लेकर लाखों की राशि का अत्यंत संदिग्ध प्रबंधन तक, कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

दस्तावेज गायब, चेकबुक–कैशबुक भी अपने पास --नवीन पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि स्थानांतरण के बाद भी पूर्व नोडल अधिकारी दिनेश तिवारी संकुल की—पुरानी चेकबुक, कैशबुक,बैठक रजिस्टर ,संकुल की शील जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने पास रखे हुए हैं और उन्हें संकुल को सौंपने से लगातार बचते आ रहे हैं। बैठक रजिस्टर भी वे स्वयं लिखते थे और संकुल की महिलाओं को किसी भी वित्तीय गतिविधि की सही जानकारी नहीं दी जाती थी।

खाली चेक पर हस्ताक्षर और मनमानी राशि भरने के आरोप -- संकुल सदस्यों ने बताया कि तिवारी द्वारा उनसे खाली चेकों पर हस्ताक्षर करवाए जाते थे और बाद में मनचाही राशि भरकर अपनी सुविधा अनुसार किसी भी ग्राम संगठन में स्थानांतरित कर दी जाती थी। महिलाओं का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी बाद में होती थी या बिल्कुल भी नहीं मिलती थी।

नकली पदाधिकारियों की नियुक्ति -- सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि तिवारी ने गोपनीय तरीके से संजूलता आर्मो को संकुल अध्यक्ष , संगीता मार्को को संकुल कोषाध्यक्ष के रूप में ‘फर्जी तरीके से’ चयनित कर लिया और राज्य कार्यालय की गूगल शीट में भी उनके नाम भर दिए। ब्लॉक प्रबंधक को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई और तिवारी ने कथित तौर पर कहा— “जो मैं करूंगा वही होगा, बीएम कौन होता है रोकने वाला।”जबकि गाइडलाइन के अनुसार संकुल के पदाधिकारी वही बन सकते हैं जो ग्राम संगठन के अध्यक्ष हों, और प्रति दो वर्ष में बदलाव अनिवार्य है।

लाखों की राशि का हेरफेर -- संकुल के अनुसार संजूलता आर्मो ने ग्राम संगठन व संकुल से 9 लाख रुपये,संगीता मार्को ने 1 लाख रुपये, जिनमें से केवल 15 हजार रुपये वापस किए। और यह राशि पूर्व नोडल द्वारा ही उनके निजी उपयोग के लिए दिलवाई गई थी।
35 लाख रुपये सारसताल भेजे, जबकि पात्रता केवल 8.5 लाख की -- ज्ञापन में आरोप है कि तिवारी ने सारसताल ग्राम संगठन को 35 लाख रुपये की CIF राशि भेजी, जबकि वहां कुल 17 समूह हैं और नियम अनुसार अधिकतम 8.50 लाख रुपये ही भेजे जा सकते थे। यह रकम “नियम विरुद्ध व संदिग्ध” बताई गई है।
फैलाई जा रही भ्रामक जानकारी -- 5 सितंबर 2025 को 16 ग्राम संगठनों की 150 से अधिक महिलाओं की उपस्थिति में मिशन अधिकारियों— रश्मि खान (AVP), नानबाई धुर्वे (AVP),तथा प्रदान संस्था और सेंटर फाउंडेशन की टीम द्वारा गाइडलाइन के अनुरूप नए पदाधिकारियों का चयन किया गया था। इसके बावजूद संजूलता और संगीता ,मिशन - जिला प्रशासन और प्रेस में लगातार भ्रामक और झूठी जानकारी फैला रही हैं।
दिलाये जाये दास्तावेज -- संकुल पदाधिकारी मांग कर रहे हैं कि—पूर्व नोडल अधिकारी से सभी दस्तावेज तत्काल वापस लिए जाएँ।संकुल का विधिवत ऑडिट कराया जाए,वित्तीय अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच हो ताकि नया संकुल निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संचालित हो सके।
इनका कहना है --
लगाये गये आरोप निराधार हैँ, मेरे पास पावती है और सारा रिकॉर्ड रखा है संजुलता आर्मो के पास, जो कि 22 तारीख़ क़ो अध्यक्ष बनी है। और सारे रिकॉर्ड देखे जा सकते हैँ। चेकबुक चम्मन बाई के पास है उसमे ही लेनदेन हुआ है और आप बैंक का स्टेटमेंट भी देख सकते है।अगर चेकबुक मेरे पास होती तो लेनदेन कैसे होता?
दिनेश तिवारी (सहायक विकासखंड प्रबंधक, म. प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन शहपुरा)

फर्जी नियुक्ति के आरोप गलत है, चयन के समय जो महिलाये मौजूद थी, उन्ही के द्वारा पदाधिकारियों का चयन किया गया है, जिसके फोटो और विडियो बतौर साक्ष्य हमारे पास मौजूद है।
संजुलता आर्मो ( संकुल अध्यक्ष )

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