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"नहीं थम रहा पौड़ी गढ़वाल में जंगली जानवरों का आतंक,गांव बमोली, द्वारीखाल में गुलदार ने गाय को बनाया निवाला, ग्रामीणों में दहशत"


द्वारीखाल, पौड़ी गढ़वाल, 18 नवंबर 2025
पौड़ी गढ़वाल में जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीती रात ग्राम बमोली, ब्लॉक द्वारीखाल में गुलदार (बाघ) ने एक बार फिर ग्रामीणों पर हमला करते हुए प्रमोद सिंह रावत की गौशाला का दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया और उनकी एक दुधारू गाय को अपना शिकार बना लिया। इस हमले में दूसरी गाय भी गंभीर रूप से घायल हो गई, ग्रामीणों ने इसके उपचार के लिए पशुचिकित्सालय चेलूसैण से तत्काल माँग की है।

घटना रात करीब 2 बजे की बताई जा रही है, जब सभी ग्रामीण गहरी नींद में थे। अचानक गौशाला से आई आवाज सुनकर ग्रामीणों ने बाहर देखा तो पाया कि गुलदार गौशाला में घुस चुका है और उसने एक गाय को मार दिया है। ग्रामीणों के शोर मचाने पर गुलदार जंगल की ओर भाग गया, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था।

ग्रामीणों में दहशत का माहौल

गांव में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता जयमल चंद्रा ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि पिछले कुछ महीनों में जंगली जानवरों का लोगों और पशुओं पर हमला बढ़ता जा रहा है। उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि गांव में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं और वन विभाग इस मामले में तुरंत कार्रवाई करे।

वहीं गांव के एक अन्य निवासी दिगम्बर सिंह रावत ने कहा कि ग्रामीण पशुओं की रक्षा करने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने भी वन विभाग और जिला प्रशासन से तत्काल कदम उठाने की अपील की है।

शासन-प्रशासन की ओर से इंतजार

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इलाके में वन विभाग की गश्त तक नहीं हो रही है, जिससे जंगली जानवर बेखौफ हो गए हैं।

गांव वालों ने बताया कि यदि जल्द ही गुलदार को पकड़ने या भगाने की व्यवस्था नहीं की गई तो यह बड़ा खतरा बन सकता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए शाम ढलते ही घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है।

मांगें: वन विभाग तत्काल कार्रवाई करे और गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे लगवाए

ग्रामीण क्षेत्रों में रात्री गश्त को बढ़ाया जाए

पीड़ित ग्रामीण को मुआवजा मिले और घायल पशु का उपचार हो

यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते वन्यजीव-मानव संघर्ष की गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है। यदि प्रशासन जल्द ही प्रभावी कदम नहीं उठाता, तो इसके और गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।

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