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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री को मौत सज़ा सुनाई है

ये वही है जिन्होंने सत्ता को अपनी बबोती समझ रखा था कि जो चाहो जैसा चाहो कर लो।

बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल ने 2024 छात्र विद्रोह हत्याकांड में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान कमाल को मौत की सज़ा सुनाई, जबकि पूर्व IGP चौधरी अब्दुल्ला अल-ममून को राज्य गवाह बनने के कारण सिर्फ पांच साल की कैद मिली. शेख हसीना फिलहाल भारत में निर्वासन (एक्साइल) में रह रही हैं और उन्होंने अदालत के सामने पेश होने से इनकार कर दिया है. वहीं असदुज्जमान खान भी फरार हैं. लेकिन अल-मामून इस वक्त जेल में हैं.

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