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ATS ने दो अस्पतालों में मारा छापा -सहारनपुर



दिल्ली ब्लास्ट के बाद यूपी में एजेंसियां एक्शन मोड में हैं। जम्मू-कश्मीर, दिल्ली पुलिस के साथ ATS ने 5 जिलों में लखनऊ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कानपुर और हापुड़ में ताबड़तोड़ छापेमारी की। 2 और सीनियर डॉक्टर को ATS और दिल्ली पुलिस ने उठाया है। कानपुर मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ (32) को ATS ने अरेस्ट किया। सूत्रों के मुताबिक, आरिफ दिल्ली कार ब्लास्ट में मारे गए आतंकी उमर का क्लासमेट था। दोनों ने जम्मू-कश्मीर में मेडिकल की पढ़ाई साथ की थी। वहीं, बुधवार रात ही हापुड़ के प्राइवेट जीएस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर फारूख (34) को भी उठाया गया। फारूख हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार आतंकी मुजम्मिल शकील का क्लासमेट था। फारूख और आरिफ को ATS पूछताछ के लिए दिल्ली ले गई। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि दोनों आतंकी शाहीन के संपर्क में थे दिल्ली ब्लास्ट मामले में यूपी से अब तक 5 डॉक्टरों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें सहारनपुर के डॉ. आदिल की सबसे पहले गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद लखनऊ की रहने वाली डॉ. शाहीन सईद को फरीदाबाद और उसके भाई परवेज अंसारी को ATS ने लखनऊ से पकड़ा था। ATS और पुलिस टीम ने गुरुवार शाम करीब 4 बजे सहारनपुर के दो अस्पतालों पर रेड मारा। दोनों अस्पतालों का संबंध आतंकी डॉ. आदिल अहमद से है। फेमस मेडिकेयर हॉस्पिटल के डायरेक्टर मनोज मिश्रा ने बताया, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की पहले हमारे हॉस्पिटल के साथ पार्टनरशिप थी। लेकिन अब नहीं है। डायरेक्टर ने कहा, डॉ. आदिल आतंकी निकलेगा, यह सोचा नहीं था। हमारे माथे पर कलंक लगा है। हमने आतंकी को जॉब दी थी। अब डॉक्टर आरिफ और फारूख के बारे में जानिए... आरिफ ने लखनऊ SGPGI छोड़कर कानपुर में जॉइन किया आरिफ कानपुर मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग में डीएम (डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन) की पढ़ाई कर रहा था। उसने 3 महीने पहले ही जॉइन किया था। आरिफ ने NEET सुपर स्पेशियलिटी एग्जाम में ऑल इंडिया 1008वीं रैंक हासिल की थी। पहली काउंसलिंग में उसे लखनऊ के SGPGI में प्रवेश मिला था, लेकिन जॉइन नहीं किया। इसके बाद दूसरी काउंसलिंग में कानपुर में एडमिशन लिया। मूलरूप से जम्मू-कश्मीर का रहने वाला डॉ. आरिफ कानपुर के अशोक नगर में किराए के कमरे में रहता था। बुधवार तड़के 2 से 5 बजे तक उसने इमरजेंसी ड्यूटी की थी। इसके बाद आरिफ घर लौट रहा था। रास्ते में एटीएस ने उसे पकड़ लिया। बाद में उसके कमरे का ताला तोड़कर तलाशी ली थी। फारूख ने अल-फलाह से MD किया, डॉ. शाहीन प्रोफेसर थी फारूख हापुड़ के जीएस मेडिकल कॉलेज में गायनेकोलॉजिस्ट था। उसने एक साल पहले ही कॉलेज जॉइन किया था। कैंपस के हॉस्टल में रहता था। फारूख जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के मीरिपुरा का रहने वाला है। उसने यहीं के आचार्य श्रीचंद्र कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज से एमबीबीएस किया था। इसके बाद फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से एमडी किया। डॉ. शाहीन अल-फलाह यूनिवर्सिटी में उसकी प्रोफेसर रह चुकी है। शाहीन, उसका भाई परवेज और आदिल कैसे पकड़े गए, 3 पॉइंट में पढ़िए
1- पोस्टर से आदिल तक पहुंची पुलिस, सहारनपुर से उठाया
17 अक्टूबर को मौलवी इरफान ने नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पोस्टर लगवाए। पोस्टर लगाने वालों में नौगाम के रहने वाले आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार शामिल थे। ये सभी CCTV में कैद हो गए। 19 अक्टूबर को श्रीनगर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। श्रीनगर के एसएसपी संदीप चक्रवर्ती की अगुआई में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया पूछताछ में खुलासा हुआ कि पोस्टर मौलवी इरफान और डॉ. आदिल के कहने पर लगाए गए थे। पुलिस ने मौलवी इरफान को पकड़ा। उससे मिले इनपुट के आधार पर जमीर अहमद अहंगर को भी गिरफ्तार किया गया। फिर पुलिस ने डॉ. आदिल की तलाश शुरू की। पुलिस जब जमीर को लेकर डॉ. आदिल के घर पहुंची, तो पता चला कि 1 नवंबर को वह सहारनपुर आया है। यहां एक अस्पताल में नौकरी कर रहा। 6 नवंबर को यूपी एटीएस की मदद से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. आदिल को सहारनपुर से गिरफ्तार कर लिया।
2- आदिल ने शाहीन का नाम कबूला डॉ. आदिल ने पूछताछ में बताया कि उसके साथ डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई उर्फ मुसाइब, उसकी गर्लफ्रेंड शाहीन और डॉ. उमर भी जुड़े हैं। डॉ. मुजम्मिल हरियाणा के फरीदाबाद में रहता है और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर है आदिल ने यह भी कबूला कि उसके पास एक AK-56 राइफल है। जिसे उसने अनंतनाग गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के लॉकर में छिपाकर रखा था। पुलिस ने वहां छापा मारकर राइफल बरामद कर ली। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया। उसके घर से विस्फोटक बरामद हुए। फिर उसकी गर्लफ्रेंड शाहीन को भी पकड़ा गया। उसके पास से पुलिस को एक AK-47 राइफल मिली। 3- डॉ. परवेज गिरफ्तारियों से डरा, ATS ने पकड़ा डॉ. आदिल की गिरफ्तारी के बाद परवेज को खुद के पकड़े जाने की भनक लग गई। इसीलिए उसने एक दिन बाद 7 नवंबर को लखनऊ की प्राइवेट यूनिवर्सिटी इंटीग्रल से इस्तीफा दे दिया। डॉ. परवेज इंटीग्रल के मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर था ई-मेल से प्रबंधन को अपना इस्तीफा भेजा। वजह किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर सिलेक्शन बताया, लेकिन कहीं जॉइन नहीं किया। दिल्ली ब्लास्ट के अगले दिन ATS ने परवेज के लखनऊ स्थित घर पर छापेमारी की। बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया।

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