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ग्राम पंचायत मावा के गणेशपुरा गाँव में बड़ा हादसा — बिजली विभाग की लापरवाही से किसान की भैंस और गाय की मौत

रातभर टूटा पड़ा 11 केवी लाइन का तार, समय पर कार्रवाई नहीं — ग्रामीणों में भारी आक्रोश

ग्राम पंचायत मावा के गणेशपुरा, काजीपुरा क्षेत्र में आज सुबह बिजली विभाग की लापरवाही के कारण एक बड़ा हादसा हो गया। टूटी हुई 11 केवी हाईटेंशन लाइन के करंट की चपेट में आने से किसान जगदीश मेघवाल की एक भैंस और एक गाय की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और भय का माहौल पैदा कर दिया है।
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सुबह हुआ हादसा — किसान को भारी आर्थिक नुकसान

स्थानिय ग्रामीणों के अनुसार, रात में ही 11 केवी लाइन का तार टूट गया था, लेकिन विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई और ना ही कोई अधिकारी मौके पर आया और ना ही बिजली सप्लाई बंद की गई।
सुबह जब किसान जगदीश मेघवाल अपने पशुओं को देखने पहुंचे, तो पशु उस स्थान के पास पहुंच गए जहाँ टूटा हुआ तार करंट प्रवाहित कर रहा था। तेज करंट लगते ही दोनों पशुओं की मौके पर ही मौत हो गई।

यह पशु किसान की आजीविका का प्रमुख साधन थे, जिससे परिवार पर भारी आर्थिक और भावनात्मक संकट आ गया है।
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रातभर टूटा पड़ा था तार — विभाग की कोई कार्रवाई नहीं

ग्रामीणों ने कड़े शब्दों में आरोप लगाया कि—

“यदि बिजली विभाग रात में ही कार्रवाई कर लेता तो यह हादसा बिल्कुल टल सकता था। यह सीधे-सीधे लापरवाही का मामला है।”

तार गांव के रास्ते और आबादी क्षेत्र के बिल्कुल नजदीक गिरा हुआ था। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा और भी बड़ा रूप ले सकता था, क्योंकि वहां से रोजाना लोग, बच्चे और अन्य पशु गुजरते हैं।
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अधिकारियों और पशु चिकित्सक की मौके पर मौजूदगी — करंट से मौत की पुष्टि

हादसे की सूचना पर बिजली विभाग के अधिकारी, लाइनमैन और पशु चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची।
पशु चिकित्सक ने दोनों पशुओं की करंट लगने से हुई मृत्यु की पुष्टि की और नियमानुसार पंचनामा तैयार किया गया।
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किसान सभा नेताओं के हस्तक्षेप के बाद मुआवजे पर बनी सहमति

घटना की जानकारी मिलने पर किसान सभा से जुड़े कई नेता मौके पर पहुंचे। उन्होंने बिजली विभाग की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए पीड़ित किसान को उचित मुआवजा देने की मांग की।
लंबी बातचीत और चर्चा के बाद विभाग ने किसान को मुआवजा देने पर सहमति जताई है।

ग्रामीणों की मांग है कि मुआवजा राशि बिना देरी के तुरंत जारी की जाए, क्योंकि किसान को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है।
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पुरानी और जर्जर लाइन की समस्या — पहले भी कई बार मेंटेनेंस की मांग

गणेशपुरा, काजीपुरा और आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में लगी 11 केवी और LT लाइनें वर्षों पुरानी हो चुकी हैं।
कई जगह तार जंग खाए हुए हैं, पोल कमजोर हैं, और सप्लाई लाइन अक्सर ट्रिप होती रहती है।

ग्रामीणों ने कई बार विभाग को इन समस्याओं के समाधान के लिए निम्न मांगें की थीं—

पूरी लाइन का मेंटेनेंस कराया जाए

पुराने और जर्जर तार बदले जाएं

कमजोर एवं झुके हुए पोलों की मरम्मत हो

नियमित निरीक्षण की व्यवस्था की जाए

लेकिन शिकायतों के बावजूद विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे यह हादसा हुआ।
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ग्रामीणों का गुस्सा — “यह हादसा नहीं, लापरवाही का परिणाम है”

घटना के बाद ग्रामीणों ने विभाग पर गंभीर सवाल खड़े किए और कहा—

“यह प्राकृतिक हादसा नहीं, बल्कि बिजली विभाग की लापरवाही और खराब मेंटेनेंस व्यवस्था का नतीजा है।”

ग्रामीणों ने यह भी मांग की—

जिम्मेदार कर्मचारियों पर तुरंत कार्रवाई हो

गांव की पूरी बिजली लाइन का निरीक्षण किया जाए

जर्जर 11 केवी लाइन को तत्काल बदला जाए

भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू किया जाए
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हादसे ने खोल दी विभाग की कार्यप्रणाली की पोल

इस पूरी घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बिजली विभाग की मेंटेनेंस व्यवस्था बेहद लचर है।
अगर विभाग समय पर तार टूटने की सूचना पर कार्रवाई करता, तो यह जान-माल का नुकसान नहीं होता।

फिलहाल विभाग ने जांच शुरू कर दी है और मुआवजा प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।

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