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NDA going to create Bihar Government according to Exit poll

2025 बिहार विधानसभा पर विश्लेषण....

इसबार का चुनाव एकतरफा दिख रहा है, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का राजनीतिक परिपक्वकता, कार्य एवं चाणक्य की भूमिका से एन डी ए क़ो जबरदस्त फायदा होने जा रहा है, नीतीश कुमार जी की पार्टी की तैयारी, टिकट बटवारा में सूझ बुझ एवं समय पर टिकट बटवारा एक बार पुनः जदयू क़ो बिहार की नम्बर एक पार्टी बना रही है, सहयोगी भाजपा का नितीश कुमार जी के साथ सामंजस्य काफ़ी बढ़िया होने से एवं लोगों का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति लगाव के कारण भाजपा का प्रदर्शन अच्छा होगा, हालांकि टिकट बटवारा में भाजपा ने घिसा पिटा चेहरा पर ज्यादातर भरोसा जताया है जो थोड़ा सा नुकसान दायक होगा, टिकट बटवारा में भाजपा के मुकाबले जदयू ज्यादा सूझ बुझ दिखाया है।
एन डी ए के सहयोगी लोजपा (रामविलास), राष्ट्रीय लोक मोर्चा, एवं हम पार्टी के साथ ने एन डी ए क़ो अभेद किला बना दिया है, इन तीनों दल का प्रदर्शन काफी अच्छा रहेगा।

बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के चेहरा के सामने बिपक्ष कहीं ठहरता नहीं दिख रहा है, लोगों क़ो लालू जी के शासन का जंगलराज आज भी याद आ रहा है, बिहार में सड़को का जाल, बिजली पानी, स्कूल, महिलाओं का डेवलपमेंट सब भा रहा है, हाल फिलहाल में मुख्यमंत्री जी का फैसला चुनाव क़ो एकतरफा बनाया है वह है, वृद्धा पेंशन 1100, 125 यूनिट बिजली फ्री, महिलाओं के खाता में 10000 रुपया का तत्काल ट्रांसफर, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड क़ो 10 लाख करना, इत्यादि।

दूसरे तरफ विपक्ष का आपस में सामंजस्य का अभाव, नॉमिनेशन के अंतिम समय तक गठबंधन का स्वरुप क्लियर नहीं होना महागठबंधन क़ो और नुकसान पहुंचाया है।
सबसे बड़ी बात बिहार की जनता श्री तेजस्वी यादव जी क़ो मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होना महागठबंधन के हार का सबसे बड़ा कारण बनेगा।
ज़ब श्री लालू प्रसाद जी मुख्यमंत्री बने थे तो वह स्वाभाविक तौर पर खुद अपने राजनीत के कारण मुख्यमंत्री बने थे, श्री नीतीश कुमार जी मुख्यमंत्री बने तो खुद अपने मेहनत के बलबुता पर बने, परन्तु आज श्री लालू प्रसाद जी, विरासत के अंतर्गत श्री तेजस्वी यादव जी क़ो मुख्यमंत्री बनाना चाह रहें है, परन्तु बिहार की जनता इसपर तैयार नहीं दिख रही है, तेजस्वी जी का मैट्रिक पास नहीं हो पाना भी एक नकारात्मक पहलू है जो उनके गठबंधन क़ो नुकसान पहुंचता है।
टिकट बतावारा में राजद ने बाहुबली, माफिया, धनपशुओ पर भरोसा जताया है इससे भी नुकसान दिख रहा है, तेजस्वी जी के प्रण पत्र में जो हर परिवार के सदस्यों क़ो नौकरी देने या अन्य वादों पर लोगों क़ो भरोषा नहीं हो पा रहा है, सिवान में जिस दौर क़ो लोग भूल चुके है उनके परिवार से टिकट देकर लोगों के याद क़ो ताज़ा किया जा रहा है।
राजद के समर्थक जिस तरीका से गाना क़ो लिख और गा रहें है उससे भी महागठबंधन क़ो भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, कुल मिलाकर MY समीकरण महागठबंधन के साथ जुड़े हुए है, परन्तु अन्य जातिया महागठबंधन से दुरी बना कर रह रही है, हालांकि महागठबंधन के यादव समीकरण भी वहां पूरी तरह से ध्वस्त दिख रही है जंहा से एन डी ए का यादव प्रत्याशी है।

तीसरे शक्ति जनसूराज की बात करें तो जनसूराज के लिए उपलब्धि यह होगी की 5-8% वोट लेकर जनसुराज बिहार की मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय राजनीतिक दल बन कर उभरेगी, जहां तक सीटों की बात करें तो दो चार सीट जीत भी सकती है नहीं भी जीत सकती है।

निष्कर्ष -
एन डी ए पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में आ रही है... अगर NDA 155 + सीट जीत जाये तो इसमें आश्चर्य की बात नहीं है

महागठबंधन 5 से 6 दर्जन सीट जीतने के लिए संघर्ष करेगी।

जनसुराज 6% से अधिक वोट प्राप्त कर बिहार की मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल बनेगा, सीट दो चार जीत भी सकता है, नहीं भी जीत सकता है..



Deepak kumar

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