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कुशमी पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर – मंत्री से लेकर चपरासी तक सभी पर कार्रवाई की मांग, प्रशासन मौनकुशमी पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर – मंत्री से लेकर

कुशमी पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर – मंत्री से लेकर चपरासी तक सभी पर कार्रवाई की मांग, प्रशासन मौन

जनपद पंचायत देवरी की ग्राम पंचायत कुशमी में भ्रष्टाचार की गंध अब खुलेआम फैल चुकी है। गरीब जनता के हक और सरकारी योजनाओं के पैसों का दुरुपयोग लगातार किया जा रहा है। अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से जनता के नाम पर आने वाली राशि निजी जेबों में जा रही है। प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही का आलम यह है कि वर्षों से जारी इस गड़बड़ी पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।

लाखों रुपए की लागत से बना पंचायत भवन आज बदहाली की तस्वीर पेश कर रहा है। भवन की दीवारों पर घास उग आई है, छतों से प्लास्टर झड़ रहा है और आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है। हर वर्ष मरम्मत और पेंटिंग के नाम पर लाखों रुपए खर्च दिखाए जाते हैं, लेकिन मौके पर वास्तविक कार्य न के बराबर है। सरपंच और सचिव की उदासीनता से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दोनों को केवल सरकारी राशि से अपनी जेबें भरने की चिंता है, जनता की समस्याओं से नहीं।

ग्रामीणों ने कई बार इस मुद्दे को जनपद और जिला स्तर तक उठाया, लेकिन हर बार जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक चलेगी इन भ्रष्ट अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की तानाशाही? कब मिलेगा जनता को सरकार की योजनाओं का वास्तविक लाभ? जब लाखों-करोड़ों की राशि विकास कार्यों के नाम पर स्वीकृत होती है, तो फिर उसका असर जमीनी स्तर पर क्यों नहीं दिखता?

ग्रामीणों का कहना है कि इस भ्रष्टाचार की श्रृंखला में ऊपर से लेकर नीचे तक — मंत्री से लेकर चपरासी तक — सभी की भूमिका संदिग्ध है। जनता अब प्रशासन से सिर्फ बयान नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की अपेक्षा कर रही है। कुशमी पंचायत की हालत मध्यप्रदेश में जमीनी भ्रष्टाचार की जीती-जागती मिसाल बन चुकी है।

जनता की मांग है कि कुशमी पंचायत में हुए इस बड़े घोटाले की निष्पक्ष जांच कर संबंधित मंत्री, जनपद अधिकारी, इंजीनियर, सरपंच, सचिव तथा संबंधित कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए पंचायत स्तर पर खर्च और कार्यों की ऑनलाइन निगरानी प्रणाली लागू की जाए ताकि जनता का पैसा जनता के विकास में ही लगे, न कि भ्रष्टाचारियों की जेब में।

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