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नगर परिषद की लापरवाही: 'झंडा चौक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स' की दुकानों के टेंडर होंगे निरस्त, बिडर्स को नुकसान

बनखेड़ी। नगर परिषद की घोर लापरवाही के कारण 'झंडा चौक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स' की दुकानों की नीलामी का टेंडर पहली बिड खुलने के बाद रद्द होने वाला है। टेंडर प्रक्रिया में गलत नियम अपनाने और उच्चतम बोली लगाने वाले की जगह कम दर वाले बिडर को टेंडर देने की प्रक्रिया से जारी करने के कारण यह बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस गंभीर चूक के चलते मुख्य नगर पालिका अधिकारी निशांत श्रीवास्तव की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, जिनकी "नींद खुलने" के बाद अब टेंडर निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नगर परिषद की इस प्रशासनिक त्रुटि का सीधा खामियाजा उन दर्जनों बिडर्स को भुगतना पड़ रहा है, जिन्होंने नीलामी में भाग लिया था। जानकारी के अनुसार, टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाले प्रत्येक बिडर को 4 से 5 हजार रुपये का सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा। यह नुकसान दस्तावेज तैयार करने, नीलामी फॉर्म खरीदने और प्रक्रिया में लगे समय व प्रयासों के रूप में हुआ है।
नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि "हमने अमानत राशि जमाकर, जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी की और उम्मीद लगाई थी कि जल्द ही हमें दुकान आवंटित होगी। अब जब पहली बिड खुल गई और हमें अपनी बोली की स्थिति पता चली, तो अचानक पता चला कि सीएमओ ने टेंडर ही गलत तरीके से जारी किया था। यह पूरी तरह से सरकारी तंत्र की मनमानी और लापरवाही है।" नगर परिषद ने नीलामी के लिए जो टेंडर जारी किए थे, उनमें अधिक रेट वाले बिडर को टेंडर देने की जगह कम रेट वाले बिडर को तरजीह देने की प्रक्रिया अपनाई गई थी, जो कि सार्वजनिक नीलामी के मूलभूत सिद्धांतों के विपरीत है। नगर परिषद की यह गलती पहली बिड खुलने और सभी का पैसा फंसने के बाद सामने आई, जिसने पूरी प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगा दिया है। इस पूरे मामले में मुख्य नगर पालिका अधिकारी की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। टेंडर जारी होने से लेकर पहली बिड खुलने तक सीएमओ और संबंधित अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी कैसे की, यह बड़ा प्रश्न है। विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े और महत्वपूर्ण टेंडर को जारी करने से पहले सभी कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं की जाँच करना सीएमओ की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है। आरोप है कि यह लापरवाही न सिर्फ बिडर्स को आर्थिक नुकसान पहुंचाएगी, बल्कि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की दुकानों के आवंटन में भी अनावश्यक देरी करेगी, जिससे नगर परिषद को होने वाले राजस्व का नुकसान होगा और आम लोगों की परेशानी बढ़ेगी। नगर परिषद ने अब टेंडर निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और संभवतः जल्द ही सुधार के साथ नए सिरे से टेंडर जारी किए जाएंगे। बिडर्स ने मांग की है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और बिडर्स को हुई क्षति की राशि भी नप द्वारा प्रदान की जाए।

इनका कहना है -
भाजपा शासन में अधिकारी कर्मचारी मदमस्त हैं, जिसका परिणाम है कि कांग्रेस की परिषद में बनी दुकानों की अब तक नीलामी नहीं हो पा रही।

- दुर्गेश बेलवंशी, कांग्रेस पार्षद
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तकनीकी गड़बड़ी के कारण टेंडर निरस्त कर दिया है, नए सिरे से टेंडर जारी किए जाएंगे।

निशांत श्रीवास्तव
सीएमओ नप
बनखेड़ी

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