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बैतूल में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ का भव्य आयोजन, केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके ने कहा - यह राष्ट्र की चेतना को जगाने वाला महामंत्र

बैतूल। राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक अवसर पर, 7 नवंबर, 2025 को बैतूल जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट परिसर देशभक्ति के रंग में सराबोर हो गया। इस भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री दुर्गादास उईके मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जिन्होंने 'वंदे मातरम्' के महत्व को राष्ट्र की चेतना को जागृत करने वाले महामंत्र के रूप में रेखांकित किया।

भक्तिमय माहौल में गूंजा 'वंदे मातरम्':

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके पश्चात, उपस्थित सभी जन-गण ने एक स्वर से सुमधुर और लयबद्ध 'वंदे मातरम्' का सामूहिक गान किया, जिसने पूरे कलेक्ट्रेट परिसर को देशभक्ति की अनूठी भावना से भर दिया। इस राष्ट्रव्यापी उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण था, जिसे सभी ने बड़ी तन्मयता से देखा और सराहा।

महानुभावों की उपस्थिति और राष्ट्रप्रेम का संगम:

इस गौरवशाली अवसर पर जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर, विधायक आमला डॉ. योगेश पंडाग्रे, श्री सुधाकर पवार, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती पार्वती बाई बारस्कर, उपाध्यक्ष जिला पंचायत श्री हंसराज धुर्वे, कलेक्टर श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी, पुलिस अधीक्षक श्री वीरेंद्र जैन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अक्षत जैन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। यह जनसमूह 'वंदे मातरम्' के प्रति अटूट श्रद्धा और राष्ट्रप्रेम का जीवंत प्रमाण था।

केंद्रीय मंत्री उईके: 'वंदे मातरम्' - राष्ट्र की आत्मा को जगाने वाला महामंत्र:

अपने प्रेरणादायक संबोधन में, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उईके ने 'वंदे मातरम्' को केवल एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्र की चेतना को जागृत करने वाला महामंत्र बताया। उन्होंने कहा, "यह महामंत्र मातृभूमि के प्रति श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिकता की त्रिवेणी धारा प्रवाहित करता है।" श्री उईके ने इस बात पर जोर दिया कि जब यह गीत लिखा गया था, तब भारत की जनसंख्या मात्र 9 करोड़ थी, और आज 140 करोड़ की आबादी के बावजूद 'वंदे मातरम्' ने हर भारतीय के मन में मातृभूमि के प्रति भक्ति भाव को जीवित रखा है। उन्होंने इस भूमि को ऋषियों, साधकों और तपस्वियों की भूमि बताते हुए कहा कि मातृभूमि के प्रति इसी श्रद्धा और जागरण के कारण ही हम गुलामी की जंजीरों से मुक्त होकर एक राष्ट्र के रूप में अपना अस्तित्व बनाए रख पाए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र के निरंतर विकास पथ पर अग्रसर होने की बात कहते हुए उन्होंने देश के गौरवशाली भविष्य की आशा व्यक्त की।

जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर: एकात्मता का सूत्रधार:

मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष व राज्यमंत्री दर्जा श्री मोहन नागर ने 'वंदे मातरम्' को संपूर्ण राष्ट्र को एकात्मता और एक सूत्र में पिरोने वाला मंत्र बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारे क्रांतिकारियों ने इसी गीत और नारों के बल पर स्वतंत्रता आंदोलन का बिगुल फूंका और 'वंदे मातरम्' कहते-कहते अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत 2047' संकल्प अभियान में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' के योगदान को भी रेखांकित किया।

कलेक्टर श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी: इतिहास का स्मरण:

बैतूल कलेक्टर श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि 7 नवंबर को महान साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ समारोहपूर्वक मनाई गई। उन्होंने याद दिलाया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस गीत ने देशवासियों के हृदय में देशभक्ति की भावनाओं को प्रज्वलित करने में अहम् भूमिका निभाई थी।

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