
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) : जिलेभर में गणना प्रपत्र वितरण का कार्य उत्साह से जारी
विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) : जिलेभर में गणना प्रपत्र वितरण का कार्य उत्साह से जारी
हर नगर, गली, गांव बीएलओ घर-घर पहुंचा रहे फॉर्म, 4 दिसंबर तक होगा संकलन, हर मतदाता तक पहुंचेंगे फॉर्म
कलक्टर, एडीएम व एसडीएम फील्ड में कर रहे निरीक्षण
एसआईआर को लेकर कोई कोताही नहीं होगी स्वीकार : कलक्टर
फोटो संलग्न
राजसमंद। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया 28 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ हो चुकी है, जो 7 फरवरी 2026 तक संचालित रहेगी। इस प्रक्रिया के तहत जिलेभर में बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं तक गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं। यह वितरण और संग्रहण का कार्य 4 दिसंबर 2025 तक संपन्न किया जाएगा।
इस अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को पूर्णतः सटीक, पारदर्शी और अद्यतन बनाना है, ताकि प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में सुनिश्चित रूप से दर्ज हो सके और कोई भी पात्र व्यक्ति मतदान के अधिकार से वंचित न रहे।
9 दिसंबर 2025 को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक दावे एवं आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी, जबकि 31 जनवरी तक इनके सत्यापन और निस्तारण का कार्य किया जाएगा। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों — भीम, कुंभलगढ़, राजसमंद और नाथद्वारा — में कुल 9,65,898 मतदाता पंजीकृत हैं। जिले में 988 बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को प्रपत्र वितरित कर रहे हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पूरे जिले में सुपरवाइजर, ईआरओ, एईआरओ, डीईओ से लेकर सीईओ राजस्थान स्तर तक इस कार्य की सघन मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रत्येक बीएलओ अपने कार्य की दैनिक रिपोर्ट अपलोड कर रहा है, जिसकी समीक्षा संबंधित अधिकारियों द्वारा की जा रही है।
जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अरुण कुमार हसीजा ने कहा है कि मतदाताओं को इस प्रक्रिया के लिए कहीं आने-जाने की आवश्यकता नहीं है — बीएलओ स्वयं उनके घर पहुंचकर फॉर्म भरवाएंगे। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे बीएलओ को आवश्यक सहयोग प्रदान करें ताकि मतदाता सूची पूर्णतः सटीक और त्रुटिरहित तैयार की जा सके।
उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का उद्देश्य इस अभियान को पारदर्शी, समावेशी एवं नागरिक सहभागिता पर आधारित बनाना है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्रत्येक पात्र नागरिक की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके।