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यूपी(मेरठ) : नईमा हत्याकांड का खुलासा! इमाम ने पत्नी को शॉपिंग के बहाने बुलाया, उतारा मौत के घाट मेरठ के जानी थाना इलाके के सिवाल खास जंगल में हुए नई

यूपी(मेरठ) : नईमा हत्याकांड का खुलासा! इमाम ने पत्नी को शॉपिंग के बहाने बुलाया, उतारा मौत के घाट

मेरठ के जानी थाना इलाके के सिवाल खास जंगल में हुए नईमा यासमीन (40) हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया। महिला की हत्या उसके इमाम पति शहजाद और उसके सहयोगी नदीम अंसारी ने गला रेतकर की थी। हत्या करने वाले दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने बताया कि महिला को पता चल गया था कि उसका इमाम पति शहजाद पहले से शादीशुदा है तो उसने पहली पत्नी से मिलने पर रोक लगा दी थी। इसी बात को लेकर दोनों में विवाद चल रहा था। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त रस्सी और छुरी दोनों बरामद कर ली है।

एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने पुलिस लाइन में पत्रकारों को बताया कि 17 सितंबर 2025 को जानी थाना इलाके के सिवाल खास जंगल में गंगनहर पटरी पर खेत में एक बुरखा पहने हुए महिला का शव मिला था। धारदार हथियार से उसकी गर्दन रेत रखी थी। जांच की तो पता चला कि मुजफ्फरनगर के थाना चरथावल में आठ अक्तूबर 2025 को महिला नईमा यासमीन की गुमशुदगी दर्ज हुई थी। वह 16 सितंबर से लापता थी।

पुलिस चरथावल पहुंची तो गंगनहर पटरी से मिला शव नईमा यासमीन सैकिया पत्नी शहजाद निवासी ग्राम सैद नंगला मुजफ्फरनगर का होने की पुष्टि हुई। जांच में शामिल करते हुए महिला के पति से पूछताछ की तो उसने पत्नी की हत्या करना कबूल लिया।

आरोपी ने पुलिस को बताया कि नईमा यासमीन की हत्या उसने अपने साथी नदीम अंसारी के साथ मिलकर की थी। हत्या के बाद किसी को शक न हो इसलिए गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना चरथावल पर दर्ज कराई थी। जांच पड़ताल के बाद जानी पुलिस ने मंगलवार को शहजाद व नदीम को गिरफ्तार कर वारदात का खुलासा कर दिया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त छूरी व रस्सी भी बरामद कर ली।

शहजाद मूल रूप से कस्बा फलावदा के मोहल्ला कुरैसियान का निवासी है। वह मेरठ के लिसाड़ी गेट के लक्कीपुरा में भी मकान बनाकर रहता था। जबकि दर्जी का काम करने वाला उसका दोस्त नदीम भी फलावदा के ऊंचा मोहल्ला निवासी है। 45 वर्षीय शहजाद 18 साल से ग्राम सैद नंगला थाना चरथावल, मुजफ्फरनगर मस्जिद में इमाम है। नईमा यासमीन डिब्रूगढ़ (आसाम) की रहने वाली ग्रेजुएट थी, जो पूर्व में कई मल्टी नेशनल कंपनी में काम कर चुकी थी, जिसने पहले पति से तलाक के बाद शहजाद से निकाह किया था।

शहजाद ने पुलिस को बताया कि उसने नदीम को 12 हजार रुपये दिए। 16 सितंबर को दोनों ने नईमा यासमीन को मेरठ में शॉपिंग करने के बहाने बुलाया। उसे बस से जानी ले गए। वहां जूस में नींद की गोलियां मिलाकर पिला दीं। अर्द्ध बेहोशी की हालत में सिवाल खास के पास जंगल में एक खेत में ले जाकर नदीम ने रस्सी से फंदा लगा दिया और शहजाद ने छूरी से उसका गला रेतकर हत्या कर दी।

दरअसल शहजाद और नईमा की सोशल मीडिया पर दोस्ती हुई थी और घटना से करीब सात महीने पहले शहजाद ने स्वयं को कपड़ा व्यापारी बताकर नईमा यासमीन से ऑनलाइन निकाह किया था। जबकि वह पहले से विवाहित था और उसके तीन बच्चे भी हैं। नईमा यासमीन को जब यह सच्चाई पता चली कि शहजाद मस्जिद में इमाम है। उसका कोई घर नहीं है और उसका भरण-पोषण गांव के लोग करते हैं, तो दोनों के बीच विवाद बढ़ गया।

नईमा यासमीन ने शहजाद पर धोखाधड़ी के आरोप लगाने शुरू कर दिए। नईमा ने शहजाद को उसकी पहली पत्नी से मिलने पर भी रोक लगा दी थी और इसी बात से नाराज होकर शहजाद ने नईमा की हत्या कर उसे रास्ते से हटाने का फैसला लिया।

एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि यदि शहजाद उसकी गुमशुदगी दर्ज नहीं कराता तो इस केस का खुलासा होना मुश्किल हो जाता। नईमा की हत्या करने के बाद शहजाद ने सैद नंगला जाकर सबको कह दिया कि नईमा फिर से वापस चली गई है।

इसके बाद उसने लोगों को भ्रमित करने के लिए 8 अक्तूबर को चरथावल थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी, जिसमें बताया कि वह 16 सितंबर से लापता है। गुमशुदमी दर्ज होते ही नईमा यासमीन का फोटो और पूरी डिटेल पुलिस के ऑनलाइन रिकार्ड पर फीड हो गई। इसी के जरिए फोटो का मिलान कर जानी पुलिस पहले चरथावल और बाद में हत्यारोपियों तक पहुंच गई।

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