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कंडों से दाहसंस्कार भी पर्यावरण के प्रति आदर्श उदाहरण

कंडों से दाहसंस्कार भी पर्यावरण के प्रति आदर्श उदाहरण

विगत वर्ष मोक्ष काष्ठ एक प्रकार का जैव ईंधन होता है जो कृषि और वन अपशिष्ट जैसे कार्बनिक पदार्थो को संपीडित करके बनाया जाता है | यह कोयले और लकड़ी जैसे पारंपरिक ईंधनों का एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प है | जिसका उपयोग बॉयलरों में भाप उत्पादन,हीटिंग और अंतिम दाह संस्कार जैसी प्रक्रियाओं में किया जाता है | मोक्ष काष्ठ से शवदाह का प्रयोग हजारों पेड़ों को बचाने की पहल बाग़ एवं महू में 40 साल से जारी है कंडों से दाह.'खबर समाचार पत्रों में आई थी |पर्यावरण और जंगल बचाने की दिशा में बायोमास बिक्रेट्स (मोक्ष काष्ठ )के इस्तेमाल से शवदाह के लिए पेड़ों की लकड़ी को बचाया जा सकता है |यह सकारात्मक पहल फिलहाल बड़े शहरों में ही मुमकिन हो सकती है |क्योंकि इस मशीन की लागत ज्यादा एवं इसकी प्रक्रिया में इलेक्ट्रिक मशीन को भट्टी की तरह एक तय तापमान पर जलाकर रखना बिजली की खपत ज्यादा होना विधुत की निरंतरता का होना भी आवश्यक होता है इनकी उपलब्धता होने से ही बड़े शहरों में इस पहल के सकारात्मक परिणाम प्राप्त अवश्य हो सकेंगे |बहरहाल ये पहल अच्छी है इसका प्रचार बेहतर ढंग से किया जाना चाहिए | कई क्षेत्रों विशेष कर धार जिले के बाग़ विकासखंड में भी लकड़ी के बजाय कंडों पर शवदाह प्रक्रिया की जाती है जो पेड़ को बचाने के हीत में और पर्यावरण के पक्ष में है |
संजय वर्मा 'दृष्टि '
मनावर (धार ) मप्र

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