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जीत का फ़ैसला मैदान में नहीं सिफारिश से होता है आम जानता

#कुशीनगर के कप्तानगंज नगर पंचायत में हुई #मैराथन_प्रतियोगिता चर्चा में है — लेकिन खेल के लिए नहीं, पुरस्कार बंटवारे की गड़बड़ी के लिए!

आरोप है कि जिन्होंने वाकई मैदान में पसीना बहाया और पहले पहुंचे, उन्हें “बाहरी प्रतिभागी” बताकर हटा दिया गया, जबकि पीछे रहने वालों को इनाम दे दिया गया।
प्रतिभागियों ने कहा – “हम जीते मैदान में, लेकिन हार गए व्यवस्था के आगे!”

करीब 1200 धावकों ने भाग लिया था इस दौड़ में, जो नगर पंचायत कार्यालय से शुरू होकर आजाद चौक, चांदनी चौक, सुभाष चौक, डीसीएफ चौक और मंगल बाजार से होकर वापस पहुंची।

सबसे बड़ी बात –
पुरुष वर्ग में 10 लोगों को इनाम,
महिला वर्ग में सिर्फ 3 बालिकाओं को सम्मान!
जब दोनों ने बराबर दूरी दौड़ी, तो फर्क क्यों?

प्रतिभागी अखिलेश का आरोप है कि,
बेहतर दौड़ने वालों के नाम लिस्ट से गायब कर दिए गए, और पीछे रहने वालों को ट्रॉफी थमा दी गई!”

ईओ योगेश मिश्रा के मुताबिक
सचिन गौड़, इंद्रजीत साहनी और आफताब अली को 5100, 2100 और 1100 रुपये मिले,
जबकि महिला वर्ग में अर्चना यादव, सत्या यादव और अंजना चौहान को 1100-1100 रुपये का इनाम विधायक विनय प्रकाश गौड़ ने दिया।

लोगों का कहना है
कप्तानगंज की मैराथन दौड़ में भी जीत का फैसला मैदान में नहीं, सिफारिश से होता है?”
#Kaptanganj #Kushinagar #MarathonScam)?

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