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तीन नवंबर : सोवियत संघ ने पहले जीवित प्राणी को अंतरिक्ष में भेजा

नयी दिल्ली: तीन नवंबर (भाषा) सभ्यता की शुरुआत से ही इंसान की जिज्ञासा ने उसे नये-नये अविष्कार करने के लिए प्रेरित किया। अपनी जरूरत की चीजें ईजाद करने के बाद इंसान ने आसमान को छूने के लिए हवाई जहाज का अविष्कार किया और फिर अंतरिक्ष की अनंत गहराइयां नापने के प्रयास में अंतरिक्ष यान बना डाला।

इंसान यहीं नहीं रूका। अब उसे यह देखना था कि आखिर अंतरिक्ष में क्या है? मानव रहित अंतरिक्ष यान तो वह भेज चुका था लेकिन इंसान को वहां भेजने का जोखिम उठाने से पहले जीवित प्राणी के रूप में एक श्वान को अंतरिक्ष में भेजने का फैसला किया गया। तत्कालीन सोवियत संघ ने तीन नवंबर, 1957 को लाइका नाम की मादा श्वान को अंतरिक्ष में भेजा जो नीले आसमान के पार गयी पहली जीवित प्राणी थी। इस प्रयोग के सफल होने के बाद इंसान के अंतरिक्ष में जाने का रास्ता बना।

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