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गौशाला निरीक्षण: जिलाधिकारी ने व्यवस्थाएं जांची, दिए सुधार के निर्देश*

ओमप्रकाश सिंह AIMA NEWS बूढ़नपुर आजमगढ़: ज़िले में गौ संरक्षण की व्यवस्थाओं को परखते हुए जिलाधिकारी (DM) श्री रविंद्र कुमार ने आज (01 नवम्बर) तहसील बुढ़नपुर के ब्लॉक कोयलसा अंतर्गत हुंसेपुर सनूप ग्राम स्थित गौशाला का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने गौशाला की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
पर्याप्त भूसा और चारा, फिर भी सफाई पर जोर
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि गौशाला में कुल 66 गोवंश संरक्षित हैं। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि गौशाला में पानी और भूसा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसके अलावा, संरक्षित गोवंश के लिए हरे चारे की बुवाई भी की जा चुकी है।
हालांकि, जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और खंड विकास अधिकारी को साफ-सफाई की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के सख्त निर्देश दिए।
गौशाला के फर्श और ड्रेनेज में सुधार का आदेश
जिलाधिकारी ने गौशाला में जल निकासी (ड्रेनेज) की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि गौशाला में लगे खड़ंजे को उखाड़कर उसका लेवल (स्तर) सही किया जाए और उचित स्लोप (ढलान) बनाया जाए।
DM का निर्देश: "खड़ंजे को उखाड़ कर उसका लेवल सही करें, ताकि बारिश का पानी रुकने न पाए और ड्रेनेज बनाकर पानी निकल जाए।"
बीमार पशुओं के लिए विशेष व्यवस्था
जिलाधिकारी ने गौवंश के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए निर्देश दिया कि बीमार पशुओं को अलग रखा जाए और उनका उचित (प्रापर) तरीके से इलाज सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने ड्यूटी रजिस्टर और संरक्षित पशुओं के रजिस्टर का भी अवलोकन किया, ताकि गौशाला के संचालन में पारदर्शिता बनी रहे।
मुख्यमंत्री की आकांक्षा के अनुरूप सुविधाएं
जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने बताया कि पूरे जनपद में 93 गौशालाएं हैं और प्रशासन का प्रयास है कि सभी गौशालाओं में अच्छी से अच्छी सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि यह प्रयास माननीय मुख्यमंत्री जी की आकांक्षा के अनुरूप है, ताकि गोवंशों को संरक्षित किया जाए और उन्हें बेहतर वातावरण में रखा जाए।
निरीक्षण के अंत में, जिलाधिकारी ने गौशाला में संरक्षित पशुओं को अपने हाथों से गुड़ और केला खिलाया।
इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
1 नवंबर को जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण में कोई कमी नहीं निकलने का कारण कोयलसा के पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ सन्तोष कुमार, डा० मनोज दूबे व ग्राम्य विकास अधिकारी का अप्रतिम योगदान है।

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