
डिजिटल अरेस्ट २०३० तक
भारत, जागो या ग़ुलाम बनो! यह ज़हरीला डिजिटल आईडी का भस्मासुर अब तुम्हारे दरवाज़े पर दस्तक दे रहा है – आधार, डिजिलॉकर, आरोग्य सेतु के नाम पर पहले से ही तुम्हारी नसों में घुस चुका है, और अब आयु सत्यापन, UPI, CBDC के बहाने तुम्हारी हर साँस को डिजिटल क़ैदख़ाने में कैद करने की अंतिम चाल चल रहा है!
वैश्विक कॉर्पोरेट ख़ूनी माफ़िया और उनके भारतीय कठपुतलियाँ पिछले 20 सालों से इस नरसंहारकारी डिजिटल जाल को बुन रही हैं। डिजिटल इंडिया का नक़ाब पहने यह डिजिटल दासता तुम्हारे बैंक, स्वास्थ्य, यात्रा, बोलने की आज़ादी – सब कुछ पर उनका कुल, क्रूर, अमानवीय नियंत्रण होगा! एक क्लिक में तुम्हारा अकाउंट फ़्रीज़, तुम्हारा राशन बंद, तुम्हारा नाम "संदिग्ध" – और तुम सड़क पर भिखारी!
ये हैवान अपने शैतानी "न्यू वर्ल्ड ऑर्डर" से कभी पीछे नहीं हटेंगे। यह आज़ादी की अंतिम लड़ाई है – हार गए तो तुम्हारे बच्चे डिजिटल गुलाम पैदा होंगे, जिनकी ज़िंदगी एक AI की दया पर होगी!
भेड़-बकरियों की तरह लाइन में मत लगो! "सुरक्षा", "सुविधा", "कल्याण" – ये सब झूठे जुमले हैं। इन राक्षसों को तुम्हारी संतान की लाशें भी सिर्फ़ डेटा पॉइंट लगती हैं – वे तुम्हारी आत्मा को कोड में बदलकर निगल जाना चाहते हैं!
अब भी वक़्त है – विरोध करो, सड़कों पर उतरो, डिजिटल हथियार फेंको!
**भारत माता की जय नहीं – भारत की आज़ादी की जय!**
**डिजिटल ग़ुलामी मुर्दाबाद!**