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अजमेर शहर में ट्रैफिक व्यवस्थाएं चरमराई, समारोह स्थल के बाहर गाड़ियों की कतार - सच की कलम ✍🏻 अजमेर


पीयूष सुराणा (समाज सेवी)
सच की कलम ✍🏻 अजमेर!
दिनांक : 01/11/2025

कहने को तो कागजों में स्मार्ट सिटी बन गया अजमेर। लेकिन प्रशासन की लापरवाही हर जगह नजर आती है चाहे वह सड़क पर ट्रैफिक जाम हो या सड़कों पर गड्ढे हो या सड़क पर घूम रहे आवारा जानवर या फिर शादी समारोह स्थल के अंदर गाड़ियों की पार्किंग नहीं होने से सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार।
या फिर देखे शहर में फैली गंदगी का अंबार, नालों पर अतिक्रमण और टूटे हुए नाले? फीते काटे जा रहे हैं करोड़ों रुपए का विकास कागजों में नजर आ रहे हैं। धरातल पर क्या हुआ ये आप और हम सब जानते है। मगर खामोशी से बैठे हुए सब देखे जा रहे हैं। अजमेर जिले के अजमेर शहर में गंदगी से लेकर टूटी हुई सड़कों पर आदमी आंसू बहाने के अलावा कुछ नहीं कर पाता है। सब की आंखों पर पट्टी बंधी हुई नजर आती है? खामोशी से दर्द को सहन किए जा रहे हैं, दर्द इतना है की आंखों से खून के आंसू बहे जा रहे हैं। लेकिन प्रशासन और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी,अनीता भदेल,सांसद भागीरथ चौधरी,नगर निगम चेयरमैन ब्रजलता हाडा के खिलाफ एक शब्द तक आमजन से नहीं निकल पा रहे है? क्या कारण है जनता डरी हुई सी क्यों है, क्या कारण है कि जनता बोल नहीं पा रही है, गूंगी बहरी,अंधी बनी सरकार से सवाल नहीं कर पा रही है अजमेर की जनता क्यों? खामोशी से दर्द सहन किए जा रही है बस।
अजमेर के हालात इतने नाजुक हो चुके हैं की ट्रिपल इंजन की सरकार की बात करने वाले जब आज पूर्ण सत्ता में होने के बाद भी अजमेर को कहीं से स्मार्ट नहीं बना पा रहे है। कहीं भी विकास कार्य नजर नहीं आ रहे हैं ? केवल राजनीति रोटियां सेकी जा रही है, अपने घरों को बंगले के रूप में परिवर्तन किया जा रहा है बड़े-बड़े बीजेपी के कार्यालय खोले जा रहे हैं। लेकिन खामोशी से सब कुछ देखा जा रहा है बोलने वाला कोई नहीं।
क्योंकि यहां की जनता इसी मांजने की है इसलिए विपक्ष भी खामोश हो गया है, सत्ता पक्ष घमंड में चूर है और जनता खामोश है। यह अजमेर है जहां इंसान दर्द सहकर भी चुप रहता है। सहनशीलता की एक मूर्ति है अजमेर का निवासी?
#फॉयसागररोड के शादी #समारोह_स्थल में नाम की पार्किंग नजर आती है। निगम और प्रशासन की मिली भगत से इन लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं होती है?
अब आप ही सोचे कि भाजपा राज में विकास हो रहा है या विनाश?

सच एक दम सच.... आईना झूठ नहीं बोलता ।

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