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कोरोना आपदा में अवसर किसका और नुकसान किसका

कोरोना आपदा एक ऐसी विकट समस्या है जिसका निवारण निकट भविष्य में होता हुआ नही दिख रहा,वैज्ञानिकों की माने तो इसकी तीसरी लहर भी आएगी तो  को बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक रहेगी।

   यदि तीसरी लहर आई तो पूरे विश्व में उसका असर भी कम से कम 6 माह रहेगा।
     

वैक्सीन काफी हद तक सुरक्षा प्रदान कर रही है,लेकिन वैक्सीन का असर तीसरी वैरियंट के वायरस पर रहेगा या नही या कितना असर रहेगा ये आने वाला वक्त बताएगा।भारत जैसे बड़े देश में अभी वैक्सीन मात्र 3 से 4 प्रतिशत आबादी को लग पाई है,सभी लोगों को लगने में अभी बहुत वक्त लगेगा।

     कोरोना आपदा अवसर  बड़ी बड़ी फार्मा कंपनी के लिए बन गया ,मार्च और अब के दवाइयों के दाम में अच्छा खासा अंतर तो है साथ ही साथ कालाबाजारी भी हो रही है।यही हाल अधिकतर खाद्य पदार्थों का भी है।कालबाजारी कर के व्यापारी अधिक से अधिक मुनाफा कमाना चाह रहे हैं।

       लेकिन दवा , खाद्य पदार्थों के दुकानदार जो नही है उनकी हालत पतली है,लगभग एक माह से दुकान बंद है,दुकान के समान तो खराब हो हो रहे है और ऊपर से आमदनी भी बंद है,दुकान का किराया , टैक्स, बिजली बिल , लेबर चार्ज सब चालू है लेकिन सरकार की तरफ से ऐसे दुकानदारों को कोई मदद न पिछले साल की गई न इस साल ही।

     प्राइवेट स्कूल लगभग 2 साल से महान आपदा से जूझ रहा है लेकिन उनकी भी मदद को कोई आए भी आया।

     सरकार से दरखास्त है को छोटे व्यापारियों और प्राइवेट स्कूल के लिए भी मदद की घोषणा करें।

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