Ancient Pornography ही है ब्राह्मणोंने लिखे धर्मग्रंथ.
Ancient Pornography ही है बराहमणोंने लिखे धर्मग्रंथ.वे sexually ज्यादा frustrated थे या sex के दृष्टिकोनसे धर्म, देवों और धार्मिक इंसानोंको देखते व लिखते थे."भग" का मतलब संस्कृत में योनी या vagina भी होता है.जैसे धनवान का मतलब जिसके पास बहुत ज्यादा धन है वह इंसान होता है. वैसेही " भगवान " का मतलब भी जिसके पास बहुत ज्यादा औरतें ऊर्फ उनके " भग " होते थे वह ही भगवान होते थे.जैसे की कृष्ण के पास दो पत्नीयां रुक्मिणी व सत्यभामा थी . उनके अलावा किसी दुसरे आदमी की पत्नी राधा से उसके लैंगिक संबंध थे.इन तीनों के बावजूद १६ हजार पत्नींयां कृष्ण के हॅरेम में होती थी.इसलिए वह सचमुच में " भग " वान था.उसने जो मुखोदगद गीता कही थी उसको ब्राह्मणोंने "भग " वद ( वदना यांने बताना ) याने " योनी " से बताया हुआ " गाना " ऊर्फ गीता बताया है.और ये व्यक्ति सब काल्पनिक देव ही होते थे.इसलिए काल्पनिक देवोंको ही "भग " वान कहके संबोधित करते हैं .ऐसेही वीर्य जिस व्यक्ति पास ज्यादा होता था उसे "वीर्य वान " कहते थे.अर्थात जिस के पास SEX करने की normal से ज्यादा शक्ति हो उसे उसेही शूर स़ंबोधते थे.अब वीर्य शब्द का अपभ्रंश हो कर वह " वीर " शब्द बना है.तो प्राचीन काल में युद्ध में बहाद्दूरी दिखानेवाले को वीर्यवान कहके बुलाते थे.अर्थात तब यह अंधविश्वास वाली संकल्पना थी की जिसके पास जयादा वीर्य होता था वही शूर, बलवान व बहाद्दूर होता था.आजकल भी " वीरवान " व " वीर पुरूष " या " वीर " या " वीरांगना " सिर्फ मारामारी व युद्ध में जो शौर्य दिखाते है उसको ही कहते हैं.फिर उसके पास ज्यादा वीर्य ऊर्फ SPERM/SEMEN हो ना हो.इस sexisim की वजहसे भी ज्यादा तर लोग धार्मिक ग्रंथ ज्यादा पढते है.जैसे जिस सिनेमा में ज्यादा sex हो उसे देखने ज्यादा लोग आते है, वैसेही ब्राह्मण अपने धर्मग्रंथोंमे बहुत ज्यादा sex लिखते थे. ताकी लोग उसे ज्यादा उन गरंथोंको पढके सुनाने वालों को बहुत रुचीसे सुने और पढे और महाप्रभावीत होके brainwash हो जाय.Whistle Blower Cynosure Ansasy Human.