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बाराबंकी के रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के सराय बरई नायब तहसीलदार सुधाकर पांडेय ने किसानों को पराली (फसल अवशेष) न जलाने के संबंध में जागरूक किया

स्थान: रामसनेहीघाट, बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)
संवाददाता: मोहम्मद कासिफ, एआईएमए मीडिया रिपोर्टर

बाराबंकी के रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के सराय बरई गाँव में नायब तहसीलदार सुधाकर पांडेय ने किसानों को पराली (फसल अवशेष) न जलाने के संबंध में जागरूक किया।
उन्होंने किसानों से अपील की कि जनहित एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए पराली न जलाएँ और प्रशासन को सहयोग प्रदान करें।

नायब तहसीलदार ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा पराली जलाने की सूचना प्राप्त होती है, तो उसके विरुद्ध वर्तमान विधि-विधान के अनुसार एफआईआर दर्ज की जाएगी।
साथ ही जुर्माना एवं दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

सरकार द्वारा पराली जलाने के विषय में कठोर निर्देश जारी किए गए हैं। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए “शून्य पराली जलाना” (Zero Stubble Burning) का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सभी जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी एवं कृषि विभाग के अधिकारी को इन निर्देशों के कड़ाई से अनुपालन हेतु निर्देशित किया गया है।

🔹 दंडात्मक प्रावधान:

एक एकड़ तक पराली जलाने पर ₹2,500 का जुर्माना।

दो से पाँच एकड़ तक पर ₹5,000 का जुर्माना।

पाँच एकड़ से अधिक पर ₹15,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।


प्रशासन की इस कार्रवाई का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, वायु गुणवत्ता में सुधार तथा जनस्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
किसानों से अपेक्षा की गई है कि वे पराली का वैज्ञानिक प्रबंधन करें और सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए वैकल्पिक उपायों (जैसे मल्चर, हैप्पी सीडर, कम्पोस्टिंग आदि) का उपयोग करें।


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प्रेषक:
✍️ मोहम्मद कासिफ
उपाध्यक्ष — भारतीय प्रशासनिक सुधार एवं जनशिकायत परिषद, उत्तर प्रदेश
एआईएमए मीडिया रिपोर्टर

📍 जिला — बाराबंकी

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