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हरदोई:-जनपद में विरासत वाले शस्त्र लाइसेंस की स्वीकृति मिलने का सिलसिला शुरू होने के बाद कन्वर्जन( बोर परिवर्तन) वाले लाइसेंस धारकों में भी उम्मीद

हरदोई के पूर्व जिला अधिकारी रमेश मिश्रा द्वारा लगभग 200 शस्त्र लाइसेंसों के बोर परिवर्तन (कन्वर्जन)के आदेश किए थे जारी।
तत्कालीन डीएम के आदेश के बाद लोगों ने अपने पुराने शस्त्र लाइसेंस बिक्री कर डीएम से कन्वर्जन स्वीकृत करने व शस्त्र खरीदने की अनुमति के पश्चात ही शस्त्र लेकर लाइसेंस पर दर्ज करवाए थे।
पूर्व जिलाधिकारी रमेश मिश्रा के स्थानांतरण के पश्चात पदभार संभाल चुके कई डीएम ने उन कन्वर्जेन हुए शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण भी किया था ।
पूर्व जिला अधिकारी अविनाश कुमार और मंगला प्रसाद सिंह ने कन्वर्जन बोर परिवर्तित लाइसेंस का नवीनीकरण करने से ही इनकार कर दिया था ।
तभी से शस्त्र लाइसेंस धारक नवीनीकरण कराए जाने के लिए परेशान होते दिखाई पड़ रहे हैं ,ऐसे शस्त्र लाइसेंस धारकों में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, कई जनप्रतिनिधियों के परिजन ,वरिष्ठ पत्रकार व प्रतिष्ठित नागरिक/ समाजसेवी भी हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक हरदोई जनपद के कई जनप्रतिनिधियों ,राजनीतिक दलों से जुड़े हुए नेताओं व पत्रकारों ने जब हरदोई के मौजूद जिला अधिकारी अनुनय झा का ध्यान इस तरफ आकर्षित कराया तो उन्होंने संदर्भित प्रकरण में मार्गदर्शन हेतु शासन को पत्र लिखा।
जब उपरोक्त पत्र का जवाब नहीं आया तब जिलाधिकारी अनुनय झा द्वारा उपरोक्त संदर्भ में एक रिमाइंडर पत्र भी संदर्भित प्रकरण में मार्गदर्शन के लिए शासन को लिखा गया।

अब सवाल यह उठता है कि जब शस्त्र धारक ने नियम अनुसार शस्त्र लाइसेंस का कन्वर्जन बोर परिवर्तन के लिए जिला अधिकारी से अनुरोध किया ,जिला अधिकारी ने उसके अनुरोध प्रार्थना पत्र पर अपनी स्वीकृति प्रदान की ।
जिलाधिकारी की स्वीकृत मिलने के पश्चात ही शस्त्र धारक ने अपने पहले वाला लाइसेंस शस्त्र बेचा, बेचने के पश्चात नियम अनुसार रसीद लेकर असलहा ऑफिस में जमा की ।
फिर कन्वर्जन बोर परिवर्तित शास्त्र खरीदने की डीएम द्वारास्वीकृत करने के पश्चात ही नया शस्त्र खरीद कर असला ऑफिस में जाकर नियमानुसार अपने लाइसेंस पर दर्ज करवाया तो फिर शस्त्र लाइसेंस धारक का दोष कहां से साबित होता है?
और फिर यह भी ध्यान देने की बात है कि पूर्व जिला अधिकारी रमेश मिश्रा द्वारा कन्वर्जन (बोर परिवर्तन वाले ) कुछ लाइसेंस का पूर्व जिलाधिकारी द्वारा नवीनीकरण भी किया जा चुका है।
अगर नवीनीकृत किए गए लाइसेंस गलत नहीं है तो फिर लंबित प्रकरण वाले लाइसेंस को कैसे गलत ठहराया जा सकता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दूं की कुछ शस्त्र धारकों के पास दो शस्त्र लाइसेंस है, लेकिन शस्त्र लाइसेंस की किताब एक ही है जिस पर दोनों शस्त्र लाइसेंस दर्ज है।
ऐसे में जब कन्वर्जन (बोर परिवर्तित) लाइसेंस का नवीनीकरण शस्त्र विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है ,जिसके चलते जो दूसरा शस्त्र लाइसेंस किताब में दर्ज है उसके नवीनीकरण में भी अनावश्यक रूप से विलंब हो रहा है।
तमाम शस्त्र लाइसेंस धारकों का कहना है कि जिस प्रकार जनपद के लोकप्रिय व मानवीय संवेदना से परिपूर्ण प्रशासन देने के लिए कटिबंध जिला अधिकारी अनुनय झा ने विरासत वाले लाइसेंस पर मानवीय रवैया अपनाते हुए लंबित पत्रावलियों का निस्तारण कर शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत करना शुरू कर दिया है ठीक उसी प्रकार से कन्वर्जन ( बोर ) परिवर्तित वाले शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण करने का आदेश भी जारी करने का कष्ट करें।

रिपोर्टर यूनुश सिद्दीकी
हरदोई

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