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गुजरात: रुदुने जामनगर जिले का एक गाँव है, जिसका जन्मस्थान लतीपुर गाँव है।

गुजरात: जामनगर जिले के रुदुने राडियामन्नु गाँव जिनका जन्मस्थान लतीपुर गाँव है। जो ध्रोल तालुका में स्थित है। उनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ था और वे स्वयं भी एक किसान हैं। और उनकी ज़मीन, वाडी लतीपुर गाँव में स्थित है। और जब वे राजकोट में सरकारी पॉलिटेक्निक में कार्यरत थे, तब उन्होंने अपने पुस्तकालय से असंख्य कविताएँ, काव्य रचनाएँ, लेख आदि लिखे। और उनके छोटे भाई श्रीनाथूभाई तारपदा लतीपुर के लतीपुर हाई स्कूल में कार्यरत थे। वर्तमान में वे लतीपुर हाई स्कूल से आयु सीमा के अनुसार सेवानिवृत्त हो चुके हैं। और वे कृषि और छोटे-बड़े व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। और वे विश्व प्रसिद्ध लतीपुर रास मंडली में हैं, श्री न्यू भाई तारपदा और उनके दोनों पुत्र श्री विशालभाई तारपदा और श्री धवलभाई तारपदा, वे भवन निर्माण ठेकेदार हैं। श्री नाथूभाई तारपड़ा (लेउवा पटेल परिवार) अपने दोनों पुत्रों श्री विशाल तारपड़ा, श्री धवल तारपड़ा पिता-पुत्र के साथ विश्व के लगभग 27 देशों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रस्तुति देकर लतीपुर गाँव और भारत का नाम रोशन कर चुके हैं। और भारत में भी बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। हाल ही में लतापुर रास मंडली ने विदेश जाकर वहां रास रचाकर भारतीय संस्कृति का नाम रोशन किया। लेडीज जनों के संयुक्त रास में लतीपुर गाँव का नाम पूरे विश्व में जाना जाने लगा।और श्री नाथूभाई तारपदा के पिता भी ग्रुप में शारू मास्टर थे। और उन्होंने लतीपुर रास ग्रुप में वर्षों तक रास भी बजाया। और वो रास भी बहुत अच्छा बजाते थे। ये सब उन्हें विरासत में मिला है। उन्हें ऐसे माता-पिता का आशीर्वाद प्राप्त है जिन्होंने उन्हें गुरु के रूप में ऐसी कला सिखाई है।

उनका चेहरा हमेशा मुस्कुराता रहता था और उनका जीवन बहुत ही सरल और मज़ेदार था। समाज में कैसे आगे आना है और समाज के लिए कैसे उपयोगी बनना है, यही उनका स्वभाव और जीवन मंत्र था। वे अपने परिवार और समाज के लिए बहुत उपयोगी रहे हैं। हर दिन हज़ारों पक्षी उनके घर चना खाने आते हैं। वे उन्हें रोज़ाना मेवे के साथ-साथ बाजरा, गेहूँ, ज्वार आदि भी खिलाते हैं। वे जानवरों, पक्षियों, गिलहरियों, अन्य कीड़ों, चूहों, मछलियों आदि को खाना खिलाते हैं और सेवा और धार्मिक कार्यों में हमेशा आगे रहते हैं। और वे काम भी करते हैं।

और छोटे बच्चों से भी उनका बहुत स्नेह है। कभी-कभी तो आँगन में आया कोई मेहमान भी किसी आम आदमी को चाय, पानी और खाना खिला देता है। हालात भले ही खराब हों, लेकिन इंसानियत तो बहुत है। बस यही है। गाँव की मस्ती और इंसानियत। शहर में किसी के घर जाओ तो इंसानियत जैसी कोई चीज़ नहीं होती। मैं और हमारी टीम जामनगर ज़िले के ध्रोल तालुका के लतीपुर गए।गाँव का दौरा किया। इस संबंध में हमारी पूरी टीम, न्याय एवं अधिकार समिति, गुजरात प्रदेश अध्यक्ष, श्री गुजरात श्री परसोतमभाई एन. मुंगरा, न्याय एवं अधिकार समिति

संपर्क नंबर: 9879285872

दिनांक: 29/8/2025

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